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भगवान राम से प्रेरणा लें विद्यार्थी : निशंक

अयोध्या डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के 24वें दीक्षा समारोह में मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक पूरी तरह राममय नजर आए। उन्होंने विद्यार्थियों को भगवान राम से प्रेरणा लेने की सीख दी। कहा छात्र भगवान राम से प्रेरणा लेकर अच्छा विद्यार्थी अच्छा पुत्र अच्छा शासक अच्छा लीडर बनें जो सबको साथ लेकर चल सके। हर प्रकार की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हो। उन्होंने रामराज्य का उदाहरण पेश कर छात्रों से दुनिया में भारत का मान बढ़ाने में भागीदार बनने का आह्वान किया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Sep 2019 11:26 PM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 06:30 AM (IST)
भगवान राम से प्रेरणा लें विद्यार्थी : निशंक

अयोध्या: डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के 24वें दीक्षा समारोह में मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक पूरी तरह राममय नजर आए। उन्होंने विद्यार्थियों को भगवान राम से प्रेरणा लेने की सीख दी। कहा, छात्र, भगवान राम से प्रेरणा लेकर अच्छा विद्यार्थी, अच्छा पुत्र, अच्छा शासक, अच्छा लीडर बनें, जो सबको साथ लेकर चल सके। हर प्रकार की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हो। उन्होंने रामराज्य का उदाहरण पेश कर छात्रों से दुनिया में भारत का मान बढ़ाने में भागीदार बनने का आह्वान किया। कहा, रामराज्य में दैहिक, दैविक और भौतिक ताप नहीं था। जातिवाद जैसी कुप्रथा नहीं थी। किसी प्रकार की विषमता नहीं थी। किसी से बैर भाव नहीं था। भगवान राम, पिता के वचन को निभाने के लिए वनवास गए। आज जब दुनिया आतंकवाद व अन्य चुनौतियों से जूझ रही है तो ऐसे में भगवान राम जैसी प्रेरणा व विचार और भी प्रासंगिक हो जाते हैं। जब चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए खड़ा हुआ जाता है, तो वही चुनौती अवसरों में तब्दील हो जाती है। राम से प्रेरणा लेकर चुनौतियों को अवसरों में बदला जा सकता है।

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उन्होंने कहाकि देश में 40 हजार से अधिक कॉलेज, 90 लाख से अधिक अध्यापक और 33 करोड़ छात्र-छात्राएं हैं, जबकि दुनिया के कई देशों की आबादी भी इतनी नहीं है। उन्होंने कहाकि सवा सौ अरब की आबादी का देश है। मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, स्टार्टअप, स्टैंड-अप इंडिया जैसे अभियान व योजनाएं हैं, तो हम क्यों मेक इन चाइना और मेक इन जापान की बात करें। हमें इस दिशा में भी आगे बढ़ना होगा। पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है। मंत्री ने कहाकि जब दुनिया में कहीं यूनिवर्सिटी नहीं थी, तो भारत में तक्षशिला और नालंदा जैसे विश्वविद्यालय थे और नई शिक्षा नीति का जो मसौदा तैयार हुआ है, वह नए भारत की आधारशिला बनेगा। इसे अंतिम स्वरूप देते समय महत्वपूर्ण सुझावों को भी समाहित किया जाएगा। समारोह में कुल 106 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल प्रदान किया गया। साथ ही पर्वतारोही पद्मश्री अरुणिमा सिन्हा को डी. लिट की मानद् उपाधि प्रदान की गई। समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की। कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित ने प्रगति को साझा किया। समारोह में परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को फल व स्कूल बैग आदि भेंट किया गया। कार्यक्रम का संचालन प्रो. अशोक शुक्ल ने किया। इस मौके पर ब्रिगेडियर जेकेएस विर्क, डीएम अनुज झा, एसएसपी आशीष तिवारी आदि थे।


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