रामनगरी में हनुमानगढ़ी से होती है होली की मुनादी
मानगढ़ी से होली की मुनादी होती है। मौका होली के पांच दिन पूर्व फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी का होता है। इस वर्ष यह एकादशी रविवार को है। प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी प्रात नागा साधु हनुमान जी के विग्रह को गुलाल अर्पित करेंगे। तदुपरांत वे स्वर्ण-रजत मंडित हनुमान जी के निशान के साथ शोभायात्रा के रूप में नगर भ्रमण करते हैं। इस मौके पर विभिन्न वाद्ययंत्रों और रंग-गुलाल उड़ाते नागा राहगीरों को होली के आगोश में शामिल करने के सा
अयोध्या : रामनगरी में बजरंगबली की प्रधानतम पीठ हनुमानगढ़ी से होली की मुनादी होती है। मौका, होली के पांच दिन पूर्व फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी का होता है। इस वर्ष यह एकादशी रविवार को है। प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी प्रात: नागा साधु हनुमानजी के विग्रह को गुलाल अर्पित करेंगे। तदुपरांत वे स्वर्ण-रजत मंडित हनुमानजी के निशान के साथ शोभायात्रा के रूप में नगर भ्रमण करते हैं। इस मौके पर विभिन्न वाद्ययंत्रों और रंग-गुलाल उड़ाते नागा राहगीरों को होली के आगोश में शामिल करने के साथ मंदिर-मंदिर जाकर होलिकोत्सव की छटा बिखेरते हैं। तदुपरांत उनका काफिला पंचकोसी परिक्रमा मार्ग की ओर बढ़ता है और वे परिक्रमा पूरी करने के साथ रामनगरी को होली के आगोश में डुबाने में कामयाब होते हैं।
हनुमानगढ़ी से निकलने वाली रंगोत्सव यात्रा का नेतृत्व करने वाले पार्षद रमेशदास के अनुसार एक जमाने में वसंत पंचमी के साथ ही होली का रंग बिखरता था पर अब होली का रंग पांच दिन के लिए ही बिखरता है, तो उसके पीछे रंगोत्सव यात्रा से जुड़े प्रयास हैं। उन्होंने कहा, होली का सिमटते जाना चिता का विषय है।