हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट के नाम पर लूट का कारोबार
- शासन ने नहीं किया प्लेट शुक्ल का निर्धारण मनमाफिक की जा रही वसूली
अयोध्या: परिवहन विभाग ने सभी प्रकार के वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट अनिवार्य कर दी है। इसे वाहनों में लगवाने की अंतिम तारीख भी एक दिसंबर निर्धारित कर दी गई है। इसे लगाने की जिम्मेदारी वाहन डीलरों को मिली है। रजिस्ट्रेशन प्लेट के नाम पर वाहन स्वामियों से मन माफिक राशि वसूली जा रही है। प्लेट के नाम पर शुरू हुए लूट के इस अवैध कारोबार पर फिलवक्त किसी का कोई अंकुश नहीं है। न ही शासन और न ही प्रशासन का ध्यान इस ओर जा रहा है। कोई वाहन डीलर लखनऊ तो कोई चेन्नई और कोई गुजरात से बनवाने की बात बता कर वाहन स्वामियों को चूना लगा रहा है।
एचएसआरपी के नाम पर वाहन स्वामी दोनों तरफ से मारा जा रहा है। अगर उसने हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट नहीं लगवाई तो परिवहन विभाग और पुलिस उसका चालान करेंगे और जब वह वाहन डीलर के पास इसे लगवाने के लिए जाता है तो खुलेआम उसकी जेब पर डाका डाला जा रहा है। आलम यह है कि स्कूटी, बाइक पर एचएसआरपी के नाम पर 450 रुपये से लेकर 700 रुपये तक बेखौफ वसूले जा रहे हैं। वहीं बड़े वाहनों पर एचएसआरपी लगवाने की कीमत एक हजार से डेढ़ हजार तक वाहन डीलरों ने निर्धारित कर रखी है। यह प्लेट एक सप्ताह से पहले नहीं दी जा रही है। वाहन स्वामी पूछते हुए डीलर के पास पहुंचता है, तो उसे काउंटर की ओर इशारा कर के भेज दिया जाता है और काउंटर पर बैठा शख्स अपने अंदाज में प्लेट की व्याख्या कर वाहन स्वामी को नियमों की दुहाई देते हुए रुपये ऐंठ लेता है। बोले जिम्मेदार.
'नए पुराने सभी प्रकार के वाहनों पर एचएसआरपी अनिवार्य कर दी गई है। जहां तक प्लेट के रेट के निर्धारण की बात है, वह हमारे अधिकार क्षेत्र से बाहर है। एक दिसंबर के बाद एचएसआरपी न लगी होने पर वाहनों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होगी। बिना रजिस्ट्रेशन प्लेट की रसीद के वाहन से संबंधित विभागीय कार्य भी बंद कर दिए गए हैं।'
- नंदकुमार, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन)