कूड़ा निस्तारण बनी स्वच्छता की कमजोर कड़ी
देश में रैंकिग सुधारने के लिए सुनिश्चित करना होगा कूड़े का वैज्ञानिक निस्तारण.कूड़े का साइंटिफिक डिस्पोजल न होने से राष्ट्रीय रैंकिग में पीछे हुआ नगर निगम अयोध्या.41 गांवों में भी स्वछता को लेकर भी दिखानी होगी तेजी.
अयोध्या : स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 का परिणाम नगर निगम के लिए खट्टा-मीठा रहा। प्रदेश स्तर पर सातवीं रैंक सुधार की दिशा में दिखी, तो राष्ट्रीय स्तर पर 134वां स्थान निराश करने वाला है। समीक्षा के उपरांत राष्ट्रीय रैंकिग में पीछे होने का मुख्य कारण कूड़ा के वैज्ञानिक निस्तारण का समुचित प्रबंध न होना था। फरवरी में सर्वे के लिए आई क्वालिटी काउंसिल आफ इंडिया (क्यूसीआई) की टीम को नगर निगम की ओर से सरायखरगी में प्रस्तावित भूमि का अवलोकन कराया गया था, लेकिन यहां सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की स्थापना हो नहीं सकी। टीम ने इस अभाव को अपने सर्वे में शामिल किया, जिसकी वजह से राष्ट्रीय रैंकिग में अयोध्या नगर निगम को पीछे रहना पड़ा। वहीं दूसरी कमी विस्तारित क्षेत्र में सफाई की समुचित व्यवस्था का अभाव है। नगर निगम का सीमा विस्तार होने के बाद शहर से सटे आसपास के 41 गांव नगर निगम का हिस्सा हो चुके हैं, लेकिन यहां सफाई व्यवस्था के समुचित प्रबंध नहीं हैं। सर्वे करने आई क्यूसीआई की टीम ने इन क्षेत्रों का भी भ्रमण किया। स्वच्छता को लेकर मिली कमियों को रिपोर्ट में शामिल किया गया। फरवरी में हुए क्यूसीआई के सर्वे के बाद से इन दिनों ही कमियों को दूर करने के लिए नगर निगम तेजी से प्रयासरत है। सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की स्थापना के लिए सोहावल के पिरखौली में चार हेक्टेयर भूमि चिह्नित कर ली गई है। यह योजना अब टेंडर की प्रक्रिया में है। 41 गांवों में भी सफाई के प्रबंध किए जा रहे हैं। अपर नगर आयुक्त सच्चिदानंद सिंह कहते हैं कि सफाई कर्मियों की मेहनत का परिणाम है कि स्वच्छ सर्वेक्षण में प्रदेश स्तर पर नगर निगम की रैंकिग सुधार की दिशा में हैं। सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की स्थापना और विस्तारित क्षेत्र में साफ-सफाई के प्रबंध सु²ढ़ करने की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है, जिसके बाद उम्मीद है कि अगले साल राष्ट्रीय स्तर पर भी अयोध्या नगर निगम अग्रणी होगा।