अयोध्या पुलिस की पूछताछ में मंदाकिनी पर गहराया था संदेह
आरक्षी योगेश चौहान की हत्या का मामला पूछताछ के बाद इटावा पुलिस के सुपुर्द हुई थी महिला आरक्षी.
अयोध्या : आरक्षी योगेश चौहान की हत्या के पीछे उसकी महिला सहकर्मी मंदाकिनी का ही हाथ निकला। थाना रामजन्मभूमि में तैनात आरक्षी योगेश चौहान का शव गत आठ अक्टूबर को इटावा जिले के लबेदी थाना क्षेत्र में बरामद हुआ था। आरक्षी मंदाकिनी भी थाना रामजन्मभूमि में तैनात है। दोनों सात अक्टूबर को अवकाश लेकर साथ में यहां से रवाना हुए थे। योगेश की हत्या की जानकारी दस अक्टूबर को यहां पहुंची। डीआईजी दीपक कुमार ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए उसके साथ गई महिला आरक्षी मंदाकिनी को हिरासत लेकर पूछताछ का निर्देश दिया। मंदाकिनी अवकाश के दिनों में अपनी बहन के घर आगरा में थी। अयोध्या से रवाना हुई पुलिस टीम गत 11 अक्टूबर को आगरा से मंदाकिनी को लेकर अयोध्या लौटी। यहां महिला थाने में उससे लंबी पूछताछ हुई। मंदाकिनी का घर इटावा जिले के क्षेत्र लबेदी थाना क्षेत्र में है और योगेश का शव भी उसी इलाके से बरामद हुआ था। यह बात पुलिस के मन में संदेह पैदा करने वाली रही। मंदाकिनी यही कहती रही कि उसका इस प्रकरण से कोई संबंध नहीं है, लेकिन सर्विलांस व अन्य माध्यम से जुटाए जा रहे साक्ष्य उसके खिलाफ ही थे। पूछताछ में मंदाकिनी की भूमिका संदिग्ध मिलने के बाद अयोध्या पुलिस ने उसे इटावा पुलिस के सुपुर्द कर दिया। सोमवार को इटावा पुलिस के अनावरण ने तस्वीर साफ कर दी। योगेश की हत्या में इटावा पुलिस ने मंदाकिनी और दो बहनों सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। मंदाकिनी योगेश पर शादी का दबाव बना रही थी और योगेश ने मना कर दिया था। अयोध्या पुलिस को अब इटावा पुलिस की रिपोर्ट का इंतजार है, जिसके बाद मंदाकिनी पर विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। सीओ आरके राय ने बताया कि इटावा पुलिस की ओर से अभी लिखित सूचना नहीं दी गई है। सूचना मिलने के बाद उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।