Move to Jagran APP

गोशाला! फिर भी फूट रहा जनाक्रोश

अयोध्या : केस एक- 17 जनवरी को रुदौली क्षेत्र के प्राथमिक स्कूल बेतौली में स्थानीय किसान तकरीबन सौ बेसहारा मवेशियों को कैद करने पहुंचे तो प्रशासन एवं पुलिस की झड़प के बीच एक किसान केरोसिन डाल कर आत्म हत्या का प्रयास किया। केस दो- 17 जनवरी को ही हैदरगंज थाना क्षेत्र के किसानों ने फसलों को नुकसान पहुंचा रहे मवेशियों को पशु चिकित्सालय में कैद कर दिया। यहां भी पुलिस बुलानी पड़ी। केस तीन- 14 जनवरी को पारा धनेथुआ, गोकुला सिधौना के किसानों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुमारगंज में बड़ी तादात में बेसहारा मवेशियों को कैद कर दिया। यहां भी पुलिस के आने पर ही अस्पताल को खाली कराया जा सका।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 10:59 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 10:59 PM (IST)
गोशाला! फिर भी फूट रहा जनाक्रोश
गोशाला! फिर भी फूट रहा जनाक्रोश

अयोध्या : केस एक- 17 जनवरी को रुदौली क्षेत्र के प्राथमिक स्कूल बेतौली में स्थानीय किसान तकरीबन सौ बेसहारा मवेशियों को कैद करने पहुंचे तो प्रशासन एवं पुलिस की झड़प के बीच एक किसान ने केरोसिन डालकर आत्महत्या का प्रयास किया।

loksabha election banner

केस दो- 17 जनवरी को ही हैदरगंज थाना क्षेत्र के किसानों ने फसलों को नुकसान पहुंचा रहे मवेशियों को पशु चिकित्सालय में कैद कर दिया। यहां भी पुलिस बुलानी पड़ी।

केस तीन- 14 जनवरी को पारा धनेथुआ, गोकुला सिधौना के किसानों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुमारगंज में बड़ी तादात में बेसहारा मवेशियों को कैद कर दिया। यहां भी पुलिस के आने पर अस्पताल को खाली कराया जा सका।

केस चार-11 जनवरी को अमानीगंज ब्लॉक के पारापहाड़पुर गौशाला में बाहरी किसानों के मवेशियों को लेकर पहुंचे किसानों की स्थानीय ग्रामीणों की झड़प हुई। यहां भी पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी को मौके पर पहुंचकर स्थिति संभालनी पड़ी।

ये घटनाएं उदाहरण मात्र हैं। महज एक सप्ताह के दौरान इस तरह की छह घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें अपनी फसल नष्ट होने से आक्रोशित किसान फसलों को बचाने के लिए बेसहारा मवेशियों को सरकारी संस्थाओं में कैद करने पहुंचे, जहां उनकी प्रशासन से झड़प हुई। ऐसी ही घटनाओं में पांच सौ के आसपास ज्ञात-अज्ञात किसान नामजद हो चुके हैं। --------------------

44 में पूर्ण हो सकीं महज 17 गोशालाएं

-बेसहारा पशुओं को आश्रय उपलब्ध कराने के लिए जिले में मनरेगा से बनवाई जा रही 44 गोशालाओं में अब तक महज 17 ही पूर्ण हो सकी हैं। यहां भी पशुओं के चारे और उन्हें ठंड से बचाव का सही इंतजाम नहीं हो सका है। शेखपुर जाफर के भगेलू का कहना है कि पशुओं को ठंड से बचाने के लिए छाया और अलाव भी जलवाने की जरूरत है। खुले रहने पर वे बाग, गन्ना सहित अन्य फसलों में छिप जाते हैं, लेकिन गोशाला में यह सुविधा नहीं है। चारा के नाम पर पुआल की उपलब्धता पर्याप्त नहीं है।

----------------------

एसडीएम ने की गोशाला की जांच

बीकापुर : तहसील क्षेत्र के पांच स्थानों पर निर्मित हो रहे गोशाला की जांच उप जिलाधिकारी ब्रजेंद्र द्विवेदी ने की और त्वरित अधूरे निर्माण को पूरा कराने की हिदायत दी। एसडीएम ने बताया कि मजरुद्दीनपुर, न्यूनापूरब, चौरेचंदौली, जानाबाजार और भदारखुर्द में गोशाला का निर्माण हो रहा है। उन्होंने बताया कि मजरुद्दीनपुर में अब तक 92 जानवर की आमद हो गई है और अन्य स्थानों के निर्माण कार्य जल्द पूरा कर जानवरों को एकत्र करने का निर्देश दिया गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.