शहर की सड़कों पर जाम का कारण बने ई-रिक्शा
परिवहन विभाग अब तक नहीं तय कर सका है ई-रिक्शा का रूट प्लान.निरंतर बढ़ रही है अतिव्यस्त सड़कों पर इनकी संख्या नहीं लगाई जा सकी कोई लगाम.
अयोध्या: शहर में इन दिनों ई-रिक्शा जाम का कारण बन गए हैं। जिन ई-रिक्शों को शहर से सटी गलियों या उन रूटों पर चलना चाहिए था, जहां ऑटो व अन्य सवारी वाहन की पहुंच नहीं है, वह मुख्य सड़कों पर दौड़ते नजर आते हैं। अयोध्या से लेकर फैजाबाद शहर तक मुख्य मार्ग और इससे लगे सभी प्रमुख मार्गों पर ई-रिक्शों की भरमार है। नयाघाट, श्रृंगारहाट, हनुमानगढ़ी चौराहा से लेकर बिड़ला धर्मशाला और फिर साहबगंज से लेकर सिविल लाइंस तक मुख्य मार्ग पर इनकी भीड़ जाम की सबसे बड़ी वजह बन गई है। यातायात के नियमों से अनजान इन ई-रिक्शा के चालकों ने न कोई प्रशिक्षण ले रखा है और न ही विभाग ने कभी इस दिशा में कोई पहल की।
परिवहन विभाग में लगभग दो हजार ई रिक्शा पंजीकृत हैं। इनमें लगभग 60 फीसदी शहर में चलते हैं, शेष ग्रामीण इलाकों में या फिर गुड्स कैरियर के रूप में काम कर रहे है। अधिकांश ई-रिक्शा चालक अप्रशिक्षित और कम उम्र के लोग हैं, जिन्हें न तो ठीक से ड्राइविग ही आती है और न ही उनमें किसी यात्री वाहन को चलाने का सलीका ही है। परिवहन विभाग भी इनको लेकर बेफिक्र है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह ई-रिक्शा के लिए रूट प्लान तैयार न किया जाना है। प्रशासन भी इसे लेकर कभी गंभीर नहीं दिखा। नगर निगम होने के बाद भी शहर की सड़कों पर सामान्य यातायात में बाधा बने ई-रिक्शों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसके अलावा इन्हीं सड़कों पर ऑटो, टेंपो जैसे सवारी वाहन भी दौड़ते नजर आते है। चंद दिनों पहले जिलाधिकारी के निर्देश पर सिर्फ दो दिन का अभियान चला लेकिन किसी भी तरह का अंकुश नहीं लगाया जा सका। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) नंदकुमार बताते है कि ई-रिक्शा के लिए अभी कोई रूट प्लान नहीं तैयार किया गया है। हाईवे छोड़ कर सभी रूटों पर ई-रिक्शा चलाने की अनुमति है। भविष्य में अगर इस दिशा में निर्देश प्राप्त हुए तो जरूर कार्य किया जाएगा।