नवंबर बाद अयोध्या में शुरू हो जाएगा राम मंदिर का निर्माण: डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी
डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी अपने 80वें जन्मदिन पर राम लला के दर्शन करने पहुंचे। कहा नवंबर बाद देश मनााएगा खुशियां।
अयोध्या, जेएनएन। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी सुबह रामलला के दरबार पहुंचे। सुब्रमण्यम स्वामी ने रामलला में दर्शन पूजन किया। रामलला दर्शन के बाद भाजपा नेता डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने बड़ा बयान दिया। डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने 80वें जन्मदिन पर राम नगरी प्रवास के दूसरे दिन यानी रविवार सुबह की शुरुआत रामलला के दर्शन कर की।
उन्होंने कहा कि नवंबर बाद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा। हिंदुओं का मूलभूत अधिकार मुसलमानों की संपत्ति के अधिकार से ऊपर है। मुसलमानों का केवल साधारण अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट भी कहता है मूलभूत अधिकार सर्वोपरि है। जब मूलभूत अधिकार और संपत्ति के अधिकार का होता है। राम मंदिर की अधिकांश जमीन सरकार के पास है। सरकार जमीन किसी को भी दे सकती है। सबकुछ प्री फैब्रिकेटेड है, केवल भव्यता देनी है। नवंबर बाद देश खुशियां मनाएगा। सुब्रमण्यम स्वामी के समर्थकों में जय श्रीराम के नारे लगाए। कहा राम लला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे।
पत्नी संग किया हवन
रामलला के दर्शन के बाद डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी का काफिला राम नगरी के प्रमोद वन स्थित कांची शंकराचार्य के आश्रम पहुंचा। इसके बाद उनका काफिला राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के आश्रम मणिराम दास जी की छावनी पहुंचा। वहां न्यास अध्यक्ष से आशीर्वाद लेने के बाद वे कारसेवक पुरम में गो पूजन के लिए पहुंचे हैं। यहां पर उन्होंने पत्नी रुक्षुना स्वामी के साथ हवन-पूजन किया। इसके बाद मानस भवन में आयोजित कार्यकर्ताओं के द्वारा सम्मान समारोह में शिरकत भी करेंगे।
बता दें, बीते दिन यानी शनिवार को डॉ. सुब्रमण्यम दो दिन के प्रवास पर राम नगरी अयोध्या पहुंचे थे। यहां उन्होंने मीडिया से मुखातिब होकर कई मुद्दों पर बात की। इस दौरान डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने उम्मीद जताई कि आगामी 15 नवंबर तक राम जन्मभूमि विवाद का फैसला आ जाएगा। उन्होंने कहा था कि आस्था का जिक्र संविधान में किया गया है। हिंदू पक्ष की यह आस्था है कि बीच वाले गुंबद का जो हिस्सा है, वहीं रामलला का जन्म हुआ था। पूजा करना हमारा मूलभूत अधिकार है, जबकि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड आस्था के आधार पर मुकदमा नहीं लड़ रहा है। बोर्ड ये नहीं कह रहा है कि वो मस्जिद को दोबारा बनाना चाहते हैं। वे कह रहे हैं कि ये जमीन बाबर की है, जबकि मस्जिद मीर बाकी ने बनवाई, जो शिया था।