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मंदिर मामले के लिए विशेष पीठ के गठन की मांग

अयोध्या : सुप्रीमकोर्ट में बाबरी मस्जिद के पक्षकार मो. इकबाल अंसारी, राममंदिर के पक्षकार महं

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 12:39 AM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 12:39 AM (IST)
मंदिर मामले के लिए विशेष पीठ के गठन की मांग
मंदिर मामले के लिए विशेष पीठ के गठन की मांग

अयोध्या : सुप्रीमकोर्ट में बाबरी मस्जिद के पक्षकार मो. इकबाल अंसारी, राममंदिर के पक्षकार महंत धर्मदास एवं उनके अधिवक्ता तथा पूर्व जज वीरेंद्र चौबे ने राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित कर मंदिर-मस्जिद विवाद की सुनवाई के लिए विशेष न्याय पीठ के गठन और इस न्यायपीठ से सुप्रीमकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को अलग रखने की मांग की है। ज्ञापन में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की 29 अक्टूबर की तारीख के दौरान उस टिप्पणी का भी जिक्र किया गया है, जिसमें उन्होंने कहा था 'यह कोई प्रायरटीज वाला मुकदमा नहीं है, न्यायालय की प्राथमिकता में नहीं है एवं इसकी लि¨स्टग फरवरी, मार्च या अप्रैल 2019 में होगी या नहीं कोई निश्चित नहीं है'। ज्ञापन के माध्यम से दोनों पक्षकारों एवं अधिवक्ता वीरेंद्र चौबे ने मुख्य न्यायाधीश की टिप्पणी को आधार बना कर कहा कि सुप्रीमकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इस वाद अथवा अपील का निस्तारण स्वयं नहीं करना चाहते या मुकदमे को मनमाने तरीके से लंबित रखना चाहते हैं। ज्ञापन में कहा गया है कि मुख्य न्यायाधीश ऐसी मानसिकता के द्योतक बन गए हैं कि अगला मुख्य न्यायाधीश भी इस मुकदमे की सुनवाई नहीं करेगा, जिससे यह मुकदमा कभी निर्णीत नहीं हो सकेगा। ज्ञापन में यह भी बताया गया है कि इस मुकदमे के निस्तारण पर देश के दो प्रमुख समुदायों की आस्था टिकी हुई है और न्यायपालिका इस मुकदमे के निस्तारण में अनायास एवं मनमाने तरीके से विलंब कर रही है, पूर्व में ऐसे ही विलंब का दुष्परिणाम था कि छह दिसंबर 1992 के दिन विवादित ढांचा को एक समुदाय का कोपभाजन बनना पड़ा। यदि भविष्य में मुकदमे का अविलंब निस्तारण नहीं किया गया तो देश को आंतरिक विद्रोह से जूझना पड़ेगा। ज्ञापन की प्रति प्रधानमंत्री कार्यालय, लोकसभा अध्यक्ष एवं उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री को भी प्रेषित की गई है।

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