Deepotsav 2019 in Ayodhya : कला, संस्कृति व अध्यात्म के रंग बिखेर रहा अयोध्या का दीपोत्सव
विदेशों तक अपनी छाप छोड़ चुके दीपोत्सव को राज्य मेले का दर्जा मिलने से इसमें आमजन की सहभागिता बढ़ी है।
अयोध्या [प्रहलाद तिवारी]। दीपोत्सव के लिए रामनगरी अयोध्या सज-धज कर तैयार हो चुकी है। योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यकाल में यह उत्सव लगातार तीसरे वर्ष यहां मनाया जा रहा है। सरयू तट आज की शाम पांच लाख दीपों से जगमगा उठेगा। यह बीते वर्ष दीपोत्सव पर बने रिकार्ड को तोड़ेगा। सरकार की योजना अयोध्या के दीपोत्सव को वाराणसी की देवदीपावली के समकक्ष लाने की है।
अयोध्या में 2017 में शुरू हुआ यह भव्य दीपोत्सव महज दो वर्ष में ही लोकोत्सव बन चुका है। विदेशों तक अपनी छाप छोड़ चुके दीपोत्सव को राज्य मेले का दर्जा मिलने से इसमें आमजन की सहभागिता बढ़ी है। कला, संस्कृति व अध्यात्म के रंग दीपोत्सव में नजर आते हैं। सात देशों के एक हजार कलाकार रामलीला का मंचन कर रहे हैं। लोक नृत्य, लोकगीत, नाटक व घाटों पर राम भजन हो रहा है। घाटों पर विशेष आकृति में सज रहे दिये मनमोहक लग रहे हैं। दीपोत्सव का हर सहभागी उल्लास से परिपूर्ण होकर मनोयोग से अपने कार्य को समय सीमा के अंदर अंजाम देने में जुटा है। कार्यक्रम स्थल रामकथा पार्क से लेकर राम की पैड़ी तक उल्लास छाया हुआ है। राम की पैड़ी का नजारा देखते ही बनता है।
अयोध्या में शनिवार को इस भव्य आयोजन के साक्षी उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल होंगे। त्रेतायुग के ऐतिहासिक पल को आज भी यहां ही नहीं पूरे देश में दीपावली के रूप में मनाया जाता है। इसे विशेष आयोजन का आकार देने का श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जाता है। आयोजन जहां इस साल वृहत हुआ है वहीं जनभागीदारी बढ़ी है।
इस समय पूरी अयोध्या भगवान राम के लंका विजय के बाद अयोध्या वापसी पर खुशी मनाने को तैयार हैं। प्रदेश सरकार से इसे मिले समर्थन ने उत्सव में एक नया उत्साह भर दिया है। तीन दिन पहले से ही सरयूतट पर गीत संगीत व आध्यात्मिक चर्चाओं का दौर शुरू है। अवध विश्वविद्यालय और साकेत कालेज के छात्रों और शिक्षकों ने भी पूरी ताकत दीपोत्सव के संयोजन में लगा दी है। इसके अलावा सभी धार्मिक और सामाजिक संगठन दीपोत्सव को जनोत्सव बनाने में लगे हैं। घाटों मंदिरों पर दीपक कतारबद्ध सजा दिए गए हैं। आज शाम एक साथ पांच लाख से भी अधिक जल उठेंगे। अयोध्या गत वर्ष सर्वाधिक दीपक जलाने के अपने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड को सुधारेगी।
संगीतमयी रामचरित मानस की धुन के बीच स्वयंसेवक दीयों को सजाने में जुटे हैं। शनिवार को तीसरे दीपोत्सव के मुख्य कार्यक्रम को लेकर श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो चुका है। दीपोत्सव की महत्ता से प्रफुल्लित श्रद्धालु रामराज्य की कल्पना में खोए नजर आते हैं।
पड़ोसी जनपद गोंडा के उमरीबेगम गंज से श्रद्धालु रामजी व जसकरन शुक्रवार को यहां पहुंचे। वह बताते हैं कि हर वर्ष दीपोत्सव का गवाह बनते हैं। देर रात तक आसपास के जिले बस्ती, अंबेडकरनगर, गोंडा, बाराबंकी ही नहीं दूसरे प्रांतों से भी अच्छी तादाद में श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। रामकथा पार्क, नयाघाट, रामकी पैड़ी से लेकर हनुमानगढ़ी तक श्रद्धालुओं का जत्था नजर आने लगा है। प्रशासन भी आमजन की सहभागिता पर जोर दे रहा है।
बनेगी संत समाज दीर्घा
रामकथा पार्क में संतों के लिए अलग दीर्घा बनाई जाएगी। दीर्घा का नाम संत समाज होगा। इसमें लगभग 150 संतों के बैठने की व्यवस्था होगी। इसमें आमजन का प्रवेश वर्जित होगा। मुख्य मंच के ठीक दाहिने यह दीर्घा बनाई जा रही हैं।
मुख्य मंच पर 60 वीवीआइपी
अयोध्या के रामकथा पार्क में मुख्य मंच पर राज्यपाल आंनदीबेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत 60 व्यक्ति मौजूद रहेंगे। इनमें केंद्र व राज्य सरकार के मंत्रीगण तथा स्थानीय जनप्रतिनिधियों की संख्या 28 है। चुङ्क्षनदा शीर्ष 30 संत भी सीएम के साथ मुख्य मंच पर बैठेंगे।