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चक्रवात के 24 घंटे बाद भी सामान्य नहीं हालात

फैजाबाद : भीषण चक्रवाती तूफान आने के 24 घंटे बाद भी शहर के हालात सामान्य नहीं हो सके ह

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Jun 2018 12:41 AM (IST)Updated: Fri, 15 Jun 2018 12:41 AM (IST)
चक्रवात के 24 घंटे बाद भी सामान्य नहीं हालात
चक्रवात के 24 घंटे बाद भी सामान्य नहीं हालात

फैजाबाद : भीषण चक्रवाती तूफान आने के 24 घंटे बाद भी शहर के हालात सामान्य नहीं हो सके हैं। शहर के अधिकांश हिस्से में गुरुवार की देर शाम तक बिजली आपूर्ति सामान्य नहीं हो सकी। बिजली के साथ-साथ जलापूर्ति भी बाधित रही। गुरुवार की सुबह से ही प्रशासन तूफान से हुए नुकसान का आंकलन करने में जुटा रहा। चक्रवाती तूफान का केंद्र शहर ही था, इसलिए इस तूफान से सबसे ज्यादा प्रभावित सदर तहसील हुई। तूफान में करीब 103 भवन क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि एक की मौत हो गई। तूफान के दौरान 14 व्यक्ति घायल हुए। तूफान में पांच सौ से ज्यादा पेड़ धाराशायी हो गए। जिलाधिकारी आवास व राजपूत फ्लोर मिल की दीवार भी धाराशायी हो गई। डाभासेमर स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय क्रीड़ा संकुल के बैड¨मटन हाल की टीनशेड उड़ गया। नरेंद्रदेव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यासलय कुमारगंज के मसौधा में स्थिति फसल विधायन संयंत्र की बाउंड्री गिर गयी।

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बुधवार की शाम को अचानक चक्रवाती तूफान आया था। इस तूफान के दौरान हवा की रफ्तार करीब सौ किलोमीटर प्रतिघंटा आंकी गई है। अहम बात यह है कि यह तूफान शहर में ही रहा। ग्रामीण इलाकों में इसका ज्यादा असर नहीं हुआ। सिर्फ कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी अवश्य हुई, लेकिन आंधी आने की खबर नहीं है। तूफान की वजह से बिजली आपूर्ति के लिए लगे करीब चार सौ पोल गिर गए, जबकि तार या तो टूट कर गिर गए अथवा आपस में उलझ गए। इस वजह से 24 घंटे बाद भी शहर की बिजली आपूर्ति व्यवस्था सामान्य नहीं हो सकी। सिविल लाइंस क्षेत्र में ही 24 घंटे में बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हो सकी। सुरसरि कॉलोनी भी इसकी चपेट में रही। मोदहा चौराहे पर लगे बिजली के पोल व तार गिरने से आपूर्ति सुचारु नहीं हो पाई। इसके साथ ही शहर का कोई भी हिस्सा ऐसा नहीं रहा, जहां पेड़ और बिजली के पोल नहीं गिरे हों। कई क्षेत्रों में आवागमन भी बाधित रहा। बिजली आपूर्ति बाधित होने का असर सरकारी व निजी कार्यालयों में भी रहा। कई कार्यालया ं में कामकाज बाधित रहा तो निजी संस्थान भी इससे अछूते नहीं रहे। पावर कारपोरेशन के अधीक्षण अभियंता एएस रघुवंशी ने बताया कि बिजली आपूर्ति को बहाल करने के लिए लगातार काम जारी है। कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में भी तूफान का असर रहा।

हनुमतनगर संवादसूत्र के मुताबिक तेज आंधी से बड़ी संख्या में पेज गिर गए और टीन भी उड़ गए। भदोखर गांव में सीमेंट की चद्दर उड़ गई। कुछ लोग इसकी चपेट में आकर घायल हो गए। बाबा बाजार संवादसूत्र के मुताबिक मवई थाना क्षेत्र के टेर गांव में आंधी क दौरान शार्ट-सर्किट से चार घरों में आग लग गई। गनीमत रही कि सुनबा में सांसद आदर्श ग्राम योजनांतर्गत ग्राम विकास योजना की बैठक में मौजूद पुलिस के जवानों ने सक्रियता दिखाते हुए ग्रामीणों की मदद से आग पर काबू पा लिया। उपजिलाधिकारी पंकज ¨सह ने बताया कि क्षति का आंकलन किया जा रहा है। पीड़ित परिवारों को सहायता दी जाएगी।

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14 घायल, एक की मौत

-चक्रवाती तूफान में एक की मौत हो गई, जबकि 14 अन्य घायल हो गए। मुमताजनगर निवासी श्रीमती तूफान की चपेट में आ गई और उनकी मौत हो गई। मिल्कीपुर के आर्यन रावत, गुप्तारघाट के सुजीत, मवई के राजकरन, शाहवदी पलिया के अनूप निषाद, नैपुरवा के गुरुप्रसाद, चांदपुर के रमेश पांडेय, जनौरा के सुरेंद्र ¨सह, चौक की किरन, बेगमगंज गढ़ैया की तारादेवी, बछड़ा सुल्तानपुर के इमरान, वजीरगंज की श्रीमती, थाना पूराकलंदर की सिमरा व निकहत फातिमा एवं रहमत तूफान में घायल हो गए।

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94 स्थानों पर ब्लॉक रहा रेल ट्रैक

-तूफान के दौरान करीब 94 स्थानों पर रेल ट्रैक बाधित रहा। दर्शननगर रेलवे क्रा¨सग पर पेड़ गिर गया, हालांकि गनीमत रही कि किसी प्रकार का हादसा नहीं हुआ। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद पेड़ को हटाया जा सका। वन विभाग व रेलवे की टीम ने ट्रैक को सुचारु किया, हालांकि रेल संचालन पर इसका प्रभाव नहीं पड़ा। इसके साथ ही शहर के कई इलाकों में पेड़ व डाल गिरने से मार्ग अवरुद्ध रहा। लखनऊ हाइवे पर भी बीती रात में पेड़ गिर गया था। इस वजह से हाइवे पर यातायात भी कुछ देर तक बाधित रहा, लेकिन रात में ही मार्ग को क्लीयर कर लिया गया।

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वन विभाग ने गठित सात टीमें

-चक्रवाती तूफान से धाराशायी हुए पेड़ों को हटाने के लिए वन विभाग ने सात टीमें गठित की हैं। वन विभाग के साथ ही रेलवे, पीडब्ल्यूडी, नजूल व एनएच की टीमें मार्ग को साफ करने में जुटी रहीं। इसके बाद भी 24 घंटे तक सभी मार्गों को पूरी तरह से साफ नहीं किया जा सका। प्रभागीय वनाधिकारी डॉ. रविकुमार ¨सह के मुताबिक तूफान में गिरे पेड़ों को हटाने का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है, जिससे व्यवस्थाओं को सुचारु बनाया जा सके।

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बाधित रही संचार सेवा

-तूफान की वजह से संचार सेवाएं भी प्रभावित रही। बेसिक फोन से मोबाइल नंबर कनेक्ट नहीं हो पा रहे थे। गुरुवार की शाम तक यह समस्या बनी रही। इसकी वजह भी तूफान को ही माना जा रहा है। तूफान में कई जगह पेड़ जड़ से उखड़ गए, जिससे दूरभाष केबिलें भी प्रभावित हुई। एसडीओ विपिन पाठक ने बताया कि बेसिक फोन में थोड़ी दिक्कत आई है। इसे जल्द दूर कर लिया जाएगा।

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खड़ा हुआ पेयजल संकट

बुधवार शाम सात बजे से ही बिजली आपूर्ति बाधित होने का व्यापक असर हुआ। बिजली आपूर्ति बाधित रहने से जलापूर्ति व्यवस्था भी ठप रही। लोगों की दिनचर्या भी प्रभावित हुई, जबकि घरों में पीने के पानी का भी संकट रहा। पेयजल संकट की वजह से पानी के गैलन की मांग बढ़ गई। तमाम लोगों ने पानी के गैलन बुक कराए, जिससे पेयजल की उपलब्धता हो सके।

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लो-प्रेशर एरिया से बना चक्रवात

-पिछले कई दिनों से तापमान के उच्च स्तर की वजह से यहां लो-प्रेशर एरिया बना। इसी वजह से यहां चक्रवात बना, जिसने तूफान का रूप धारण कर लिया। गनीमत यह रही कि इसका असर ज्यादा दूर तक नहीं रहा। इससे सबसे ज्यादा प्रभावित शहरी इलाका हुआ है, जबकि कुछ एक ग्रामीण इलाकों में तेज हवा के साथ बूंदाबांदी हुई। गुरुवार को दिन भर उमस भरी गर्मी बनी रही। नरेंद्रदेव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार आगामी एक-दो दिनों तक हल्की बदली छाई रहने की संभावना है। उमस भी बनी रहेगी। मौसम विज्ञानी डॉ. अमरनाथ मिश्र के मुताबिक उच्च तापक्रम की वजह से जिले में लो-प्रेशर एरिया बना, जबकि पूर्वा हवा ने वातावरण में नमी घोल दी। इसी वजह से चक्रवात बना और तूफान आया। गुरुवार को अधिकतम तापमान 38.5 व न्यूनतम 27.5 डिग्री सेल्सियस रहा। अधिकतम आ‌र्द्रता 68 व न्यूनतम 40 फीसदी रही।


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