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प्रशस्त होगी 'कल्चरल कैपिटल ऑफ दि व‌र्ल्ड' की संभावना

राम मंदिर निर्माण के साथ कल्चरल कैपिटल ऑफ दि व‌र्ल्ड की संभावना प्रशस्त होगी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 07:44 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 07:44 PM (IST)
प्रशस्त होगी 'कल्चरल कैपिटल ऑफ दि व‌र्ल्ड' की संभावना
प्रशस्त होगी 'कल्चरल कैपिटल ऑफ दि व‌र्ल्ड' की संभावना

अयोध्या : राम मंदिर निर्माण के साथ 'कल्चरल कैपिटल ऑफ दि व‌र्ल्ड' की संभावना प्रशस्त होगी। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने यदि रामजन्मभूमि परिसर के पांच एकड़ भू क्षेत्र पर राम मंदिर के रूप में दुनिया के भव्यतम स्थापत्य की मिसाल बनाने की तैयारी की है, तो बाकी के 65 एकड़ भू क्षेत्र को कल्चरल कैपिटल ऑफ दि व‌र्ल्ड के रूप में विकसित करने की तैयारी की है। इस भूक्षेत्र में ट्रस्ट की योजना श्रीराम कुंड के नाम से यज्ञशाला, कर्मक्षेत्र के नाम से अनुष्ठान मंडप, वीर मारुति के नाम से हनुमान जी की विशाल प्रतिमा स्थापित करने की है। परिसर में श्री रामलला पुराकालिक दर्शन मंडल की भी स्थापना होगी। पुराकालिक दर्शन मंडल में रामजन्मभूमि के उत्खनन में प्राप्त शिलालेख एवं पुरावशेषों को संरक्षित किया जाएगा। ..तो एक अन्य प्रकल्प गुरु वशिष्ठ पीठिका के रूप में वेद, पुराण, रामायण और संस्कृत अध्ययन-अनुसंधान का अनुक्षेत्र विकसित किया जाएगा। परिसर में भक्ति टीला भी विकसित किया जाएगा। यह ध्यान एवं मनन निकुंज के रूप में होगा। परिसर रामलीला केंद्र से भी युक्त होगा और यह मुक्ताकाशी मंच के तौर पर 360 डिग्री का थिएटर होगा। प्रोजेक्शन थिएटर में दर्शक राम दरबार की नयनाभिराम झांकी से भी अभिभूत हो सकेंगे। परिसर में माता कौशल्या वात्सल्य मंडप के नाम से प्रदर्शनी कक्ष एवं झांकियों का परिसर भी विकसित किया जाएगा। परिसर में रामांगण भी विकसित किया जाएगा। यह बहुआयामाी चलचित्र शाला होगी। अभिलेखागार एवं अनुसंधान केंद्र महर्षि वाल्मीकि के प्रति समर्पित होगा। आदर्श गोशाला श्रीराम के पिता दशरथ के प्रति, कमल पुष्करिणी (सरोवर) एवं संगीतमय फव्वारा लक्ष्मण के प्रति तथा युवा एवं बाल क्रिया कलाप क्षेत्र लव-कुश के प्रति समर्पित होगा। परिसर विशिष्ट अतिथि निवास से भी युक्त होगा। यह कुटी शंकुल एवं बहुतलीय भवन के रूप में होगा। भरत प्रसाद मंडप के रूप में रामलला के भोग प्रबंधन का क्षेत्र और माता सीता रसोई के रूप में वृहद् अन्न क्षेत्र, रसोई घर तथा भंडार गृह का निर्माण किया जाएगा। रामजन्मभूमि परिसर सिंह द्वार के सम्मुख दीप स्तंभ से भी रोशन होगा। स्वामी गोविददेव की अध्यक्षता में खींचा गया खाका

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- रामजन्मभूमि परिसर के विकास का प्रारूप देश भर के चुनिदा वास्तुविदों और अध्यात्म-संस्कृति के शीर्ष आचार्यों से मिले सुझाव के बाद तैयार किया गया है। इस सुझाव की समीक्षा के बाद तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविदेव गिरि की अध्यक्षता में गठित समंवय समिति ने परिसर के विकास का खाका खींचा है। परिसर के विकास के संदर्भ में स्वामी गोविददेव का कहना है कि हम इसे कल्चरल कैपिटल ऑफ दि व‌र्ल्ड के रूप में विकसित करना चाहते हैं।

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बैठक में तय होगी कार्ययोजना

- गुरुवार से रामनगरी में ही राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक प्रस्तावित है। बैठक में राम मंदिर की नींव की निर्माण योजना पर अंतिम मुहर लगाए जाने के साथ परिसर के प्रस्तावित विकास पर अमल की भी कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जाएगा।

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बेमिसाल होगा रामजन्मभूमि परिसर : जगद्गुरु

- जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य कहते हैं, श्रीराम को इतनी भव्यता और व्यापकता के साथ बिबित करता रामजन्मभूमि परिसर निश्चित रूप से बेमिसाल होगा और भव्य मंदिर के साथ संपूर्ण परिसर को कल्चरल कैपिटल के रूप में विकसित करने की योजना बनाने के लिए रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के प्रति जितना भी आभार ज्ञापित किया जाय, वह कम है।


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