पार्षदों को नहीं मिला हिसाब, बेनतीजा रही बोर्ड बैठक
पार्षदों को नहीं मिला हिसाब बेनतीजा रही बोर्ड बैठक
अयोध्या : बजट पर चर्चा के लिए बुलाई गई नगर निगम की बोर्ड बैठक बेनतीजा रही। पार्षदों ने अधिकारियों से वित्तीय वर्ष 2020-21 में हुए आय और व्यय का पूरा हिसाब मांगा, जिसे जिम्मेदार मुहैया ही नहीं करा सके। पूर्व में ही पार्षदों ने आय-व्यय से संबंधित जानकारी अध्ययन के लिए अधिकारियों से मांगी थी, जिसे गंभीरता से नहीं लिया गया। यही कारण रहा है कि मंगलवार को बोर्ड बैठक शुरू होते ही पार्षद आपेक्षित सूचनाएं न मिलने पर नाराज हो गए। पार्षदों ने महापौर रिषिकेश उपाध्याय के समक्ष अधिकारियों के रवैये पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। महापौर ने अधिकारियों को आड़े हाथ लेते हुए पार्षदों की ओर से मांगी सूचनाएं दो दिनों के भीतर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। महापौर के हस्तक्षेप के बाद पार्षद तो मान गए, लेकिन बैठक की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी। आगामी बैठक 19 दिसंबर को होना तय हुई है।
सिर्फ वित्तीय वर्ष 2020-21 ही नहीं पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 में आय-व्यय से संबंधित सूचनाएं भी अभी पार्षदों को नहीं मिल सकी हैं, जबकि इसके लिए दो बार महापौर पत्र भी लिख चुके हैं। नगर निगम के अधिकारियों ने महापौर के पत्र को भी गंभीरता से न लेकर आधी अधूरी जानकारी ही दी। पार्षद विशाल पाल ने कहाकि नगर निगम में हुए भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए बजट की पूरी जानकारी नहीं दी जा रही है। सूचनाएं मांगने पर कुल अनुमानित आय-व्यय बता दिया जाता है। बजट किस-किस मद में खर्च किया गया, यह ब्योरा नहीं दिया जाता है। ठेकेदारों का करीब 16 करोड़ रुपया भुगतान नहीं हुआ है। पूर्व में आए बजट ये यदि भुगतान नहीं हुआ तो उसे कहां खर्च किया गया? इस सवाल का जवाब अधिकारियों ने नहीं दिया है। पार्षदों ने कहाकि पहले बजट की प्रति उपलब्ध कराई जाए। उसका अध्ययन किया जाए फिर बजट पर चर्चा करना सार्थक होगा।