तालाबंदी के बाद लाखों का विवादित टेंडर निरस्त
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अयोध्या : लाखों रुपये के टेंडर पर सवाल उठते हुए पार्षदों ने सोमवार को जमकर हंगामा किया। नाराज पार्षद नगर निगम कार्यालय में तालाबंदी कर धरने पर बैठ गए। पार्षदों के आंदोलन से बैकफुट पर आए नगर निगम प्रशासन ने टेंडर को निरस्त कर दिया है। धरना स्थल पर पहुंचे महापौर ऋषिकेश उपाध्याय ने टेंडर निरस्त कर जांच के आदेश दिए तथा दोषी अधिकारी की जवाबदेही तय करने का निर्देश दिया। टेंडर में की गई गड़बड़ी को लेकर दैनिक जागरण ने सोमवार के अंक में समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया था। खबर का असर रहा कि सोमवार को नगर निगम कार्यालय खुलते ही पार्षद पहुंच गए और टेंडर में की गई अनियमितता पर जवाब मांगा। भ्रष्टाचार के खिलाफ सत्ता और विपक्ष दोनों दलों के पार्षद एकजुट दिखे। वार्ता करने पहुंचे नगर आयुक्त को भी पार्षदों की नाराजगी का सामना करना पड़ा। धरना स्थल पर ही मुख्य अभियंता यशवंत कुमार और अधिशासी अभियंता पीके ¨सह को भी बुलाया गया। दोनों अधिकारी भी टेंडर में गड़बड़ी को लेकर संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके। नगर आयुक्त ने भी माना कि टेंडर निकालने में सभी आवश्यक मानक नहीं पूरे किए गए। इसे लेकर टेंडर को तत्काल निरस्त किया गया और जांच के आदेश दे दिए गए। धरना स्थल मौजूद पार्षदों में विशाल पाल, अशोका द्विवेदी, अनुभव जायसवाल, दिलीप यादव, फरीद कुरैशी, सलमान हैदर, रमेशदास, अभय श्रीवास्तव, अनिल ¨सह आदि मौजूद रहे।
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निविदा प्रकाशन की नहीं ली गई अनुमति
अयोध्या : नगर आयुक्त ने पार्षदों को बताया कि निर्माण विभाग के जिम्मेदारों ने निविदा प्रकाशन की अनुमति नहीं ली थी। पहले से स्वीकृति कार्यों की निविदा न निकाल कर नए कार्यों की निविदा निकाला जाना आपत्तिजनक है। इस मुद्दे पर निर्माण विभाग के जिम्मेदारों की जवाबदेही तय होगी।