रामानंद मंदिर में बिखरी आस्था की इंद्रधनुषी छटा
आस्था की इंद्रधनुषी छटा बिखरी। मौका मंदिर में स्थापित विग्रह जानकी-जीवन के एकादश प्राकट्योत्सव एवं सद्गुरुदेव जन्मोत्सव के दूसरे दिन का था। रविवार को उत्सव की शुरुआत जानकी-जीवन के सहस्त्रार्चन से हुए। आराध्य के दरबार में मंदिर के साकेतवासी महंत एवं पूर्व सांसद विश्वनाथदास शास्त्री की शिष्य परंपरा के सैकड़ों श्रद्धालु सकत्रित थे। उनकी अगुवाई के लिए मंदिर की वर्तमान महंत डॉ. ममता शास्त्री एवं मंदिर प्रबंधन से जुड़े
अयोध्या : जानकीघाट स्थित रामानंद मंदिर में आस्था की इंद्रधनुषी छटा बिखरी। मौका, मंदिर में स्थापित विग्रह जानकी-जीवन के एकादश प्राकट्योत्सव एवं सद्गुरुदेव जन्मोत्सव के दूसरे दिन का था। रविवार को उत्सव की शुरुआत जानकी-जीवन के सहस्त्रार्चन से हुई। आराध्य के दरबार में मंदिर के साकेतवासी महंत एवं पूर्व सांसद विश्वनाथदास शास्त्री की शिष्य परंपरा के सैकड़ों श्रद्धालु एकत्रित थे। उनकी अगुवाई के लिए मंदिर की वर्तमान महंत डॉ. ममता शास्त्री एवं मंदिर प्रबंधन से जुड़े अशोककुमार मिश्र सन्नद्ध थे। भक्तों के समवेत स्वर में भगवान के सहस्त्रनाम के गान और प्रत्येक नाम के उच्चारण पर तुलसी-पुष्प का विसर्जन। यह सिलसिला करीब चार घंटे तक चला।
तदुपरांत 108 दीपों से जानकी-जीवन की आरती की गई। अपराह्न सुंदरकांड का पाठ एवं सायं स्वामी रामानंदाचार्य पर केंद्रित गोष्ठी से भी धर्म-संस्कृति का रंग प्रवाहित हुआ। उत्सव का समापन सोमवार को मंदिर परिसर में ही स्थापित नर्वदेश्वर महादेव का अभिषेक, जेवनार गायन एवं भंडारा से होगा। इस मौके पर मधुकरी संत मिथिलाबिहारीदास, बुद्धदेव शर्मा, ओमप्रकाश खुराना आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे। इससे पूर्व शनिवार को आचार्य विग्रह अभिषेक, विश्वनाथदास शीतल अमराई में नवग्रह वाटिका का लोकार्पण, शोभायात्रा निकली, सरयू की महाआरती के साथ जानकी-जीवन का प्राकट्योत्सव गुलजार हुआ।