मॉल और शॉ¨पग कॉम्प्लेक्स से बदल रही शहर की पहचान
अयोध्या मॉल शोरूम और शॉ¨पग कॉम्प्लेक्स.. नवाबों के शहर की ये नई पहचान है। चाहे नियावां मार्ग हो देवकाली हो.. सिविल लाइंस अथवा नाका क्षेत्र। अपने घर का पता समझाने के लिए नवाबयुगीन इमारतों का जिक्र अब पीछे छूट रहा है। करीब-करीब हर प्रमुख मार्ग पर ऐसे शॉ¨पग कॉम्प्लेक्स और मॉल खुले हैं जो न केवल महानगरीय संस्कृति का एहसास कराते हैं बल्कि लोगों की जुबां पर भी चढ़ रहे हैं।
अयोध्या : मॉल, शोरूम और शॉ¨पग कॉम्प्लेक्स.. नवाबों के शहर की ये नई पहचान है। चाहे नियावां मार्ग हो, देवकाली हो.., सिविल लाइंस अथवा नाका क्षेत्र। अपने घर का पता समझाने के लिए नवाबयुगीन इमारतों का जिक्र अब पीछे छूट रहा है। करीब-करीब हर प्रमुख मार्ग पर ऐसे शॉ¨पग कॉम्प्लेक्स और मॉल खुले हैं, जो न केवल महानगरीय संस्कृति का एहसास कराते हैं, बल्कि लोगों की जुबां पर भी चढ़ रहे हैं।
नियावां से गुदड़ी बाजार जाने वाले मार्ग को ही ले लीजिए। दशक भर पहले तक इस मार्ग की पहचान बांसमंडी, तरंग सिनेमा और ब्रास बैंड की दुकानों से थी। लोग अपने घर के पते में इन्हीं को चिह्न के तौर पर इस्तेमाल करते थे, लेकिन अब यह तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है। वी-मार्ट और ऐसे ही दूसरे मॉल व शॉ¨पग कॉम्प्लेक्स इस मार्ग की नई पहचान बन चुके हैं। इसी मार्ग पर दो स्क्रीन का सिनेमाहॉल भी निर्माणाधीन है।
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कभी रहता था सन्नाटा, अब बदली सूरत
-किसी जमाने में दिन ढलने के बाद सन्नाटे में डूब जाने वाला देवकाली व रायबरेली मार्ग नवव्यवसायियों को खूब रास आ रहा है। चौक से देवकाली जाने वाले मार्ग पर जल्द ही बिग बाजार खुलने वाला है। इसके अलावा कई अन्य मॉल व शॉ¨पग कॉम्प्लेक्स खुले हैं। चिकित्सा सुविधा के लिहाज से यह इलाका काफी समृद्ध है। बृजकिशोर होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज के साथ ही दूसरे निजी चिकित्सा संस्थान भी देवकाली क्षेत्र में हैं। वहीं रायबरेली मार्ग पर भी कई शोरूम और मॉल खुल रहे हैं। फेमिली हाइपर मार्केट व अन्य दूसरे शॉ¨पग कॉम्प्लेक्स ने इस मार्ग को गुलजार कर दिया है।
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बढ़ी सिविल लाइंस की अहमियत
-यूं तो सिविल लाइंस क्षेत्र शहर का वीआइपी इलाका माना जाता है, लेकिन व्यवसायिक ²ष्टिकोण से यह क्षेत्र हाल के कुछ वर्षों में बेहद अहम साबित हुआ है। विशाल मेगामार्ट के साथ ही नामचीन कंपनियों के शोरूम अब इस इलाके की पहचान बन रहे हैं। इसके साथ ही होटल व्यवसाय ने भी सिविल लाइंस में खूब पांव पसारा है।
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बदल रहा मिठाइयों की दुकानों का स्वरूप
-शहर की बदल रही आबोहवा से खानपान भी अछूता नहीं है। मिठाइयों की दुकानें इसका बड़ा उदाहरण है। पहले जहां मिठाइयों की दुकानें छोटी हुआ करती थी तो वहीं अब इसका स्वरूप बदला है। कई नामवर दुकानदारों ने मिठाई के साथ ही फास्टफूड कार्नर शुरू किए तो कई ने बेकरी को साथ में जोड़ा। मधुर स्वीट्स और मोहन स्वीट्स दुकानों के बदले स्वरूप का सबसे ताजातरीन उदाहरण है।
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क्या कहते हैं विशेषज्ञ
-डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के व्यवसाय प्रबंध एवं उद्यमिता विभाग के अध्यक्ष प्रो. आरएन राय कहते हैं कि अयोध्या का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्वरूप इसे विशेष बनाता है। यहां वर्षभर देशी-विदेशी पर्यटकों का आना होता है। यही वजह है कि व्यवसायियों को यह नगर काफी रास आ रहा है और नगर में करीब-करीब हर क्षेत्र में निवेश बढ़ा है।