चंपतराय ने कंसल्टेंट टीम को रामनगरी की वस्तुस्थिति से कराया अवगत
अयोध्या को प्राचीन गरिमा के अनुरूप विकसित किए जाने की जताई अपेक्षा. रामनगरी के नवनिर्माण का खाका खींच रहे एलईए एसोसिएट्स के सदस्यों ने सर्किट हाउस में रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव एवं सदस्यों के साथ की बैठक.
अयोध्या : रामनगरी के विकास को लेकर कंसल्टेंट टीम के सदस्यों ने रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के प्रतिनिधियों तथा नगर आयुक्त विशाल सिंह के साथ सर्किट हाउस में बैठक की। टीम के सदस्यों ने अयोध्या के विकास को लेकर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय से आवश्यक जानकारी हासिल की। बैठक को संबोधित करते हुए चंपतराय ने बताया कि यहां के पुराने भवनों एवं सड़कों को देखकर अयोध्या के बारे में पता लगाया जा सकता है कि पहले यह अयोध्या कैसी रही होगी। यह काल चक्र का असर है कि अयोध्या की वैभव संपन्नता पूरी तरह से समाप्त हो गई। उन्होंने अयोध्या को प्राचीन गरिमा के अनुरूप फिर से गौरवांवित किए जाने की इच्छा जताई। तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव ने बताया कि यहां आने वाले तीर्थयात्री समस्याओं से घिरे रहते हैं, लेकिन वह किसी प्रकार की शिकायत किए बगैर अपने घर वापस चले जाते हैं। आज यह विचार किए जाने की जरूरत है कि विकास के साथ लोगों की भौतिक आवश्यकता क्या-क्या है। उन्होंने अयोध्या में बरसात के दौरान पानी के बहाव की समस्या को काफी जटिल बताया। कहा कि यहां सीवरलाइन एवं पानी बहने की कोई दिशा ही नहीं है। सड़कों व गलियों में जिधर देखो, उधर ही पानी बहता रहता है। ऐसे में वर्षा ऋतु से पहले जलबहाव की व्यवस्था ठीक करने की जरूरत है। उन्होंने रामकी पैड़ी को लेकर भी चिता जताई। कहा, पैड़ी बना तो दी गई, लेकिन उसमें पानी आने और जाने की समुचित व्यवस्था नहीं है। पंपिग के जरिए पानी तो डाल दिया जाता है, लेकिन निकासी न होने से गंदगी बरकरार रहती है। श्रद्धालुओं को वाहन खड़े करने के लिए पार्किंग नहीं हैं। शहर में पौधारोपण करने के लिए जगह नहीं है। मास्टर प्लान में सिर्फ अयोध्या ही नहीं बस्ती के मखौड़ा, गोंडा की वाराहीदेवी, दशरथ समाधि, भरतकुंड सहित अन्य कई स्थानों को ध्यान में रख कर कार्य करने की आवश्यकता है। चंपतराय ने कहा कि भविष्य में अयोध्या दर्शन के लिए सालाना करीब 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इसलिए घाटों का विस्तारीकरण होना जरूरी है। उन्होने कहा कि हनुमानगढ़ी, रामजन्मभूमि, कनकभवन एवं नागेश्वरनाथ मंदिर का प्रशस्त परिपथ बनाना चाहिए ताकि श्रद्धालुओं की भीड़ को काबू किया जा सके। ब्रह्मकुंड व गुरुद्वारे की सुरक्षा करने व वाल्मीकि रामायण में जिन वृक्षों का वर्णन है, उन प्रजाति के पौधों को पुन: रोपित किए जाने की भी जरूरत है। बैठक में कंसल्टेंट एजेंसी ली एसोसिएट्स के लीड मैन डॉ. पी सेल्वम एवं उनके आधा दर्जन से अधिक सहयोगियों सहित तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र, प्राधिकरण के वित्त एवं लेखाधिकारी रवींद्र प्रताप सिंह, अधिशासी अभियंता एके राय, अवर अभियंता अनिल सिंह आदि मौजूद रहे।