60 हजार पुस्तक प्रेमियों की मेले में दस्तक
फैजाबाद : राजकीय इंटर कॉलेज परिसर में आयोजित छह दिनी पुस्तक मेला समापन के साथ विशिष्ट
फैजाबाद : राजकीय इंटर कॉलेज परिसर में आयोजित छह दिनी पुस्तक मेला समापन के साथ विशिष्ट छाप छोड़ गया। यह मेला न केवल पुस्तक बिक्री के मामले में पहचान बनाने वाला रहा, बल्कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के साथ चित्रकला प्रतियोगिता के कारण नयापन लिए हुआ था। इसी कारण नई पीढ़ी का आकर्षण पुस्तक मेले की ओर काफी हद तक दिखा।
स्वतंत्रता सेनानी एवं प्रख्यात अधिवक्ता नारायणदास खत्री की स्मृतियों को संजोने के लिए आयोजित पुस्तक मेला 30 अक्टूबर को उद्घाटन के साथ निरंतर शबाब की ओर चढ़ता गया। छात्रों की विभिन्न प्रतियोगिताएं नई पीढ़ी के लिए ज्ञानवर्द्धक होने के साथ ही उनमें प्रतिभा का निखार करने वाली रही। इन प्रतियोगिताओं में नुक्कड़ नाटक, भाषण, देशभक्ति गीत गायन, प्रहसन, लोक नृत्य प्रतियोगिता शामिल रही, जिसके विजेता प्रतिभागी पुरस्कृत किए गए, लेकिन लोगों के दिलोदिमाग में जगह बनाई अग्रवाल ज्ञान केंद्र एवं अवध विश्वविद्यालय के तत्वावधान में पहली बार आयोजित रेखाचित्रों की प्रदर्शनी ने। फैजाबाद एवं अयोध्या के प्रमुख स्थलों एवं हस्तियों के रेखाचित्र सराहे गए। इसके अलावा अवधी लोकनृत्य, नाटिका मानभाड़ की नकल एवं प्रसिद्ध कलाकार हिमांशु वाजपेयी की दास्तान-ए-किस्सागोई को पहली बार पुस्तक मेले का हिस्सा बनाया गया। पहली कवि सम्मेलन में राष्ट्रीय ख्याति के शायरों मंजर भोपाली व कवि सर्वेश अस्थाना को बुलाया गया था।
इस दौरान तकरीबन 60 हजार युवाओं, छात्रों-छात्राओं, महिलाओं एवं बुजुर्गों ने पुस्तक मेला में उपस्थित दर्ज कर पुस्तकों की दुनिया का दीदार किया और 12 लाख रुपये से अधिक की किताबें यहां के पुस्तक प्रेमियों ने खरीदी। एनबीटी, किताबघर, वाणी, राजकमल, गणेश बुक डिपो, ओशो, किरन प्रकाशन, अग्रवाल ज्ञान केंद्र आदि संस्थाएं विभिन्न पुरस्कारों से नवाजी गई। इस मौके पर शब्दों से लगाव शिद्दत से स्थापित हुआ। पुराने लेखकों में मुंशी प्रेमचंद, शरदचंद, जयशंकर प्रसाद, मीर, गालिब की किताबें बिकी तो वर्तमान समय से लेखकों में हेमंत शर्मा की रचना अयोध्या का चश्मदीद, युद्ध में अयोध्या, यतींद्र मिश्र की लता सुरगाथा, शहरनामा व अन्य किताबों के कद्रदान भी खूब दिखे। नासिरा शर्मा, मैत्री पुष्पा, उदयप्रकाश, अमीश त्रिपाठी, नरेंद्र कोहली, समेत अन्य रचनाकारों की किताबों की खूब मांग रही। मेला आयोजक समिति नारायणदास खत्री मेमोरियल ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष राजकुमार खत्री ने कहा कि मेले में पुस्तक प्रेमियों की आमद कामयाबी का प्रतीक है। इससे आयोजक मंडल का हौसला बढ़ा है।