जैविक खेती के लिए किसान ही बनेंगे दूत
फैजाबाद : खेतों में मिट्टी की खत्म होती उर्वरता ने सरकार व किसानों के माथे पर ¨चता की लक
फैजाबाद : खेतों में मिट्टी की खत्म होती उर्वरता ने सरकार व किसानों के माथे पर ¨चता की लकीरें खींच दी हैं। जिले की स्थिति इस मामले में कहीं ज्यादा खतरनाक पाई गई है। इसका एहसास गुरुवार को प्रदेश के राज्यमंत्री, कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान रणवेंद्र प्रताप ¨सह धुन्नी ने गोष्ठी में कराया। इस स्थिति से निपटने के लिए जिले में 50-50 किसानों का क्लस्टर बनाया जाएगा। क्लस्टर में शामिल किसानों को जैविक खेती के लिए नि:शुल्क सहायता व अनुदान भी दिया जाएगा।
कृषि विकास योजना के अंर्तगत जैविक खेती के लिए प्रगतिशील किसानों का समूह होगा। इस समूह में शामिल किसान खेती में रासायनिक खाद व कीटनाशक के इस्तेमाल के खतरे से आगाह करेंगे तथा जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित करेंगे। कृषि विभाग जागरूकता के लिए प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित करेगा। प्रदर्शन कार्यक्रम के लिए चयनित किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए खेती में लगने वाले बीज व दवा का पैसा वापस कर देगा। यह सहायता डीबीटी (डाइरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर) व्यवस्था के तहत होगी।
महिला किसानों को प्राथमिकता
फैजाबाद : क्लस्टर गठन में लघु/सीमांत एवं महिला कृषकों को प्राथमिकता प्रदान की जाएगी। क्लस्टर व्यवस्था के तहत कम से कम एक-एक एकड़ वाले 50 किसानों को शामिल किया जाएगा। ये किसान एक ही ग्राम या आसपास के होंगे। प्रत्येक क्लस्टर की योजनावधि तीन वर्ष होगी। प्रथम वर्ष में सात लाख छह हजार 740 रुपये, दूसरे वर्ष में चार लाख 98 हजार 670 एवं तृतीय वर्ष में दो लाख 89 हजार 590 रुपये की सहायता फार्मिंग व अन्य क्रिया-कलाप के लिए दी जाएगी। तीन वर्ष की योजनावधि में प्रत्येक किसान को एक एकड़ के लिए 29 हजार नौ सौ रुपये की सहायता देय होगी।
चना व मटर का प्रदर्शन रुदौली में
-किसानों के जैविक खेती में चना व मटर का पहला प्रदर्शन रुदौली क्षेत्र में होगा। इसके लिए प्रगतिशील किसानों से संपर्क किया जा रहा है।