सुगम होगी तुलसी की जन्मभूमि से लेकर मखभूमि की यात्रा
अयोध्या : वह दिन दूर नहीं, जब मानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास की जन्मभूमि से लेकर भगवान राम क
अयोध्या : वह दिन दूर नहीं, जब मानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास की जन्मभूमि से लेकर भगवान राम के प्राकट्य के लिए हुए पुत्रेष्ठि यज्ञ स्थल तक का दर्शन सुगम हो सकेगा। शुक्रवार को यहां आ रहे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अयोध्या के जिस 84 कोसी परिक्रमा पथ का शिलान्यास करेंगे, उस पर एक-दो नहीं, बल्कि 151 ऐसे स्थल हैं, जो सनातन धर्मावलंबियों के लिए प्राचीनकाल से ऊर्जास्थली रहे हैं। यह 84 कोसी परिक्रमा की लंबाई लगभग 275 किलोमीटर है।
यह परिक्रमा मार्ग प्रदेश के पांच जिलों से होकर गुजरेगा। बस्ती, अयोध्या, अंबेडकरनगर, बाराबंकी व गोंडा जिले हैं। इस मार्ग पर भगवान राम से जुड़े अनेक ऐसे स्थल हैं, जिनसे लोग या तो अंजान हैं अथवा वहां पहुंचने की राह दुश्कर। मार्ग के बनने से भगवान से जुड़े इन स्थलों के दर्शन की राह न केवल आसान होगी, बल्कि पर्यटन का तेजी से विकास हो सकेगा। यूं भी प्रतिवर्ष चैत्र पूर्णिमा से लेकर बैसाख शुक्ल नवमी तक श्रद्धालु पैदल ही अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा करते हैं। सांसद लल्लू ¨सह कहते हैं कि इस परियोजना के मूर्त रूप लेने से पौराणिक स्थलों का दर्शन आसान हो सकेगा। ------------------- पथ पर हैं 151 ऊर्जास्थल
-केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी शुक्रवार को जिस 84 कोसी परिक्रमापथ का शिलान्यास करने आ रहे हैं, उसमें न सिर्फ मखौड़ाधाम और गोस्वामी तुलसीदास की जन्मभूमि राजापुर है, बल्कि उनके गुरु नरहरिदास का जन्मस्थान बाराह क्षेत्र भी पड़ता है। अयोध्या के 84 कोसी परिक्रमा मार्ग में कई अहम पौराणिक स्थल हैं। महर्षि जमदग्नि आश्रम, श्रृंगीऋषि आश्रम, श्रवणक्षेत्र, बैरागी आश्रम समेत दिग्गज ऋषियों की तपोस्थली व प्राचीनकाल के मंदिरों समेत कुल 151 पौराणिक स्थल हैं।