रायसीना हिल्स तक पहुंची अयोध्या की दही-जलेबी
फैजाबाद : मंदिर-मस्जिद विवाद से अलग राष्ट्रीय क्षितिज पर रामनगरी की रचनात्मकता का सिक्का जमने
फैजाबाद : मंदिर-मस्जिद विवाद से अलग राष्ट्रीय क्षितिज पर रामनगरी की रचनात्मकता का सिक्का जमने लगा है। बीते 16 सितंबर से दिल्ली में शुरू हुए राष्ट्रीय पर्व में रामनगरी की दही-जलेबी, इमरती-रबड़ी का स्वाद देश के साथ ही विदेशी सैलानियों को भी खूब भा रहा है। हर कोई इस व्यंजन के स्वाद की तारीफ कर रहा है। वहां अयोध्या के दीपनारायण मौर्य की अगुवाई में दही-जलेबी का स्टाल लगा हैं। ये स्टाल देश के 52 दुकानों में से एक है।
भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय का पर्यटन पर्व राजपथ पर चल रहा है। ये आयोजन 27 सितंबर तक चलेगा। इसकी शुरुआत केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ ¨सह ने की थी। यहां दही-जलेबी व इमरती-रबड़ी का स्टाल लगाने वाले मौर्य की छोटी दुकान अयोध्या में देवकाली मंदिर के नुक्कड़ पर है। इससे पहले इंडियन स्ट्रीट फूड फेस्टिवल में भी अयोध्या की दही-जलेबी को राष्ट्रीय क्षितिज पर उपस्थिति दर्ज कराने का मौका मिला था। यह आयोजन गत जनवरी माह में हुआ था।
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रफ्ता-रफ्ता बढ़ रही दही-जलेबी की साख
-गत वर्ष देश के नामचीन सौ प्रतिष्ठान में चुने जाने के बाद दिल्ली में स्टाल लगाने का मौका मिला। इस बार पयर्टन मंत्रालय के आयोजन में मात्र 52 फूड स्टाल में चयनित होने से दीपनारायण मौर्य उत्साहित हैं। उन्होंने बताया कि नामचीन प्रतिष्ठानों की कतार में खड़ा होना व अयोध्या का प्रतिनिधित्व करने का मौका गौरवांवित कर रहा है। देशी कुल्हड़ में दही-जलेबी व इमरती रबड़ी ग्राहकों को दी जाती है।
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तीन पीढ़ी पर दही-जलेबी की छाप
-अयोध्या के इस मिष्ठान भंडार की धाक पहले आसपास के जिलों में रही। इसके अलावा रामनगरी आने वाले यात्रियों के लिए भी यह प्रतिष्ठान खास है। इस दुकान की स्थापना तकरीबन 70 वर्ष पूर्व स्वर्गीय भगत मौर्य ने की थी। इनके बाद में शिवपूजन मौर्य व विश्वनाथ मौर्य ने प्रतिष्ठान को आगे बढ़ाया। तीसरी पीढ़ी के दीपनारायण व अन्य की अगुवाई में प्रतिष्ठान की साख दिन-ब-दिन मजबूत हो रही है।