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Ayodhya Ram Mandir : भूमि पूजन के बाद नव्य अयोध्या के स्थल विकास पर खर्च होंगे पांच सौ करोड़

Ayodhya Ram Mandir

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 11:56 AM (IST)Updated: Thu, 06 Aug 2020 12:01 PM (IST)
Ayodhya Ram Mandir : भूमि पूजन के बाद नव्य अयोध्या के स्थल विकास पर खर्च होंगे पांच सौ करोड़
Ayodhya Ram Mandir : भूमि पूजन के बाद नव्य अयोध्या के स्थल विकास पर खर्च होंगे पांच सौ करोड़

अयोध्या [आनंद मोहन]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राम मंदिर भूमि पूजन के साथ नव्य अयोध्या बसाने की तैयारी तेज हो गई है। अयोध्या विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष डॉ. नीरज शुक्ल की अध्यक्षता में प्रदेश के आवास आयुक्त अजय चौहान ने स्थलीय सत्यापन के लिए छह सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है। 

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अब यही कमेटी आवास विकास परिषद को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। प्राधिकरण उपाध्यक्ष को इसके लिए स्थलीय सत्यापन की तारीख तय करनी है। माना जा रहा है कि अगले सप्ताह तक तय हो जाएगी। आवास विकास परिषद के इंजीनियर इसे रामनगरी के विकास की सबसे बड़ी परियोजना बताते हैं। यह इसी से समझा जा सकता है कि लगभग 500 एकड़ की आवासीय परियोजना के स्थलीय विकास पर ही करीब 500 करोड़ रुपये व्यय होने का अनुमान है। इसमें भूमि क्रय समेत अन्य खर्च शामिल नहीं है। प्राधिकरण उपाध्यक्ष के अलावा स्थलीय कमेटी में दो अधीक्षण व दो अधिशासी अभियंता के अलावा एक आर्किटेक्ट शामिल है। इसे नियोजित आवासीय परियोजना बताया जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दिलचस्पी से शासन से लेकर जिले तक के अधिकारियों में इसे लेकर तेजी देखने लायक है। यही वजह है कि आवास विकास परिषद के संयुक्त आयुक्त व प्राधिकरण के सचिव प्रस्तावित भूमि का सर्वे कर अपनी रिपोर्ट सौंप चुके हैं। संयुक्त सर्वे में नव्य अयोध्या परियोजना के लिए प्रस्तावित माझा बरहटा, माझा तिहुरा व माझा शहनेवाजपुर को उपयुक्त बताया गया। प्रस्तावित भूमि के लिए स्थलीय सत्यापन कमेटी गठित करना उसी का हिस्सा बताया जा रहा है।

परिषद के इंजीनियरों की मानें तो स्थल सत्यापन कमेटी रिपोर्ट के बाद परिषद सबसे पहले धारा 28 का प्रकाशन करेगी। उसके बाद भूमि अधिग्रहण या फिर किसानों से सहमति व सहभागिता के आधार पर भूमि लेने का निर्णय आवास विकास परिषद बोर्ड करेगा। सहभागिता के आधार पर किसानों से ली गई भूमि में से एक चौथाई को विकसित कर किसान को वापस किया जाएगा। किसानों से सहमति के आधार पर भूमि खरीदने के लिए जिलाधिकारी को क्रय समिति गठित करनी होगी।

प्राधिकरण ने भी नहीं छोड़ी नव्य अयोध्या की उम्मीद

माझा बरहटा में पहले से प्रस्तावित करीब सौ एकड़ की नव्य अयोध्या की आवासीय परियोजना को अयोध्या विकास प्राधिकरण नए सिरे से संवारने के लिए ताना बाना बुनने लगा है। दो वर्ष पहले बोर्ड की मंजूरी के बाद प्राधिकरण ने अभी उम्मीद नहीं छोड़ी है। राम मंदिर के भूमि पूजन के बाद प्राधिकरण उस फाइल को फिर से आगे बढ़ाने में लगा है। यही वजह है कि प्रस्तावित नव्य अयोध्या परियोजना की भूमि के लिए प्राधिकरण किसी के मानचित्र को मंजूरी नहीं देता। प्राधिकरण सचिव आरपी सिंह के अनुसार प्राधिकरण बोर्ड से नव्य अयोध्या परियोजना मंजूर है। 


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