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Ayodhya Ram Mandir: मंदिर के 200 फीट नीचे डाला जाएगा टाइम कैप्सूल, ताकि सुरक्षित रहे इतिहास

भविष्य में कभी विवाद का सामना न करना पड़े इसके लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट अब राम मंदिर निर्माण स्थल पर जमीन में लगभग 200 फीट नीचे एक टाइम कैप्सूल रखेगा।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 12:57 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2020 03:47 PM (IST)
Ayodhya Ram Mandir: मंदिर के 200 फीट नीचे डाला जाएगा टाइम कैप्सूल, ताकि सुरक्षित रहे इतिहास
Ayodhya Ram Mandir: मंदिर के 200 फीट नीचे डाला जाएगा टाइम कैप्सूल, ताकि सुरक्षित रहे इतिहास

अयोध्या, जेएनएन। श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का बहुप्रतीक्षित समय आ पहुंचा है। श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे, लेकिन इस पल के मंदिर निर्माण से जुड़े लोगों को लम्बी लड़ाई लड़नी पड़ी। वर्षों कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने के बाद कहीं जाकर श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का रास्ता सुगम हो सका है। भविष्य में कभी ऐसी परिस्थितियों को सामना न करना पड़े इसके लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट अब राम मंदिर निर्माण स्थल पर जमीन में लगभग 200 फीट नीचे एक टाइम कैप्सूल रखेगा। इसका मकसद यह है कि सालों बाद भी यदि कोई श्रीराम जन्मभूमि के बारे में जानना चाहे तो वो इससे जान सकता है।

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श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के समय एक नया तरीका प्रयोग में लाया जाएगा, जिससे भविष्य में मंदिर के इतिहास को लेकर किसी तरह का कोई विवाद न हो। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, राम जन्मभूमि के इतिहास को सिद्ध करने के लिए जितनी लंबी लड़ाई कोर्ट में लड़नी पड़ी है, उससे यह बात सामने आई है कि अब जो मंदिर बनवाएंगे, उसमें एक 'टाइम कैप्सूल' बनाकर दो हजार फीट नीचे डाला जाएगा। भविष्य में जब कोई भी इतिहास देखना चाहेगा तो श्रीराम जन्मभूमि के संघर्ष के इतिहास के साथ यह तथ्य भी निकल कर आएगा, जिससे कोई भी विवाद जन्म ही नहीं लेगा।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान इस तथ्य की पुष्टि की है। उनके अनुसार राम मंदिर निर्माण स्थल पर जमीन में लगभग 200 फीट नीचे एक टाइम कैप्सूल रखा जाएगा। इसका मकसद ये है कि वर्षों बाद भी अगर कोई राम जन्मभूमि के बारे में जानना चाहे तो वो इससे जान सकता है। न्यूज एजेंसी एएनआई की ओर से किए गए ट्वीट के मुताबिक, कामेश्वर चौपाल ने कहा है कि इससे भविष्य में अगर कोई मंदिर के इतिहास का अध्ययन करने का इच्छुक होगा तो उसे काफी मदद मिलेगी।

बता दें कि श्रीराम मंदिर भूमि पूजन का कार्यक्रम अयोध्या में पांच अगस्त को होगा। भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अयोध्या जाएंगे। कोरोना महामारी को देखते हुए भूमि पूजन कार्यक्रम में कुल 200 मेहमानों के शामिल होने की उम्मीदर है। श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन का मुहूर्त पांच अगस्त को 12 बजकर 15 मिनट 15 सेकेंड से 12 बजकर 15 मिनट 47 सेकेंड तक है। यानी पीएम मोदी 32 सेकेंड में भूमि पूजन करेंगे। पीएम मोदी के हाथों आधारशिला के रूप में पांच नक्षत्रों की परिचायक पांच रजत शिलाएं रखी जाएंगी। प्रधानमंत्री मोदी 32 सेकेंड में नंदा, जया, भद्रा, रिक्ता और पूर्णा के रूप में पांच रजत शिलाओं का पूजन करेंगे और उन्हें मंदिर की नींव में स्थापित किया जाएगा। इन शिलाओं को ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास ने तैयार करवाया है।


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