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Ayodhya Ram Mandir: दिव्य वृक्षों की बगिया के बीच होगा रामलला का मंदिर, जान‍िए और क्‍या होगा खास

Ayodhya Ram Mandir News भूतल पर विराजेंगे रामलला प्रथम तल पर सजेगा रामदरबार द्वितीय तल सिर्फ भव्यता के लिए।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 09 Aug 2020 06:00 AM (IST)Updated: Sun, 09 Aug 2020 10:24 AM (IST)
Ayodhya Ram Mandir: दिव्य वृक्षों की बगिया के बीच होगा रामलला का मंदिर, जान‍िए और क्‍या होगा खास
Ayodhya Ram Mandir: दिव्य वृक्षों की बगिया के बीच होगा रामलला का मंदिर, जान‍िए और क्‍या होगा खास

अयोध्या, जेएनएन। रामजन्मभूमि पर बनने जा रहे भव्य राममंदिर के मॉडल की मनोहर छवि तो आपने देखी ही होगी, आज हम आपको इसके भीतरी सौंदर्य का दर्शन कराएंगे। आइए, हमारे साथ दिव्य वाटिकाओं से घिरे इस सुरम्य परिसर की सैर पर चलिए, लेकिन ध्यान रखिएगा कि मंदिर का दूसरा तल आपके लिए बंद है। यह तल मंदिर को ऊंचाई एवं भव्यता देने के लिए है, दर्शन-पूजन के लिए नहीं।  मंदिर निर्माण शुरू होने के साथ इसकी आंतरिक रूपरेखा से जुड़ी जानकारियां सामने आ रही हैं। इससे मन-मस्तिष्क में राम मंदिर की जो छवि बन रही है, वह बेहद अनुपम है। मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं के लिए आस्था सहित औषधीय महत्व के वृक्षों की मनमोहक वाटिकाएं हैं। इस कल्पना को मूर्तरूप देने की शुरुआत प्रधानमंत्री के हाथों रोपे गए पारिजात के पौधे से हो चुकी है। इसके साथ ही परिसर में नक्षत्र, पंचवटी और हरिशंकरी वाटिकाएं भी लगाई जा चुकी हैं। पर्यावरण की सुरक्षा की दृष्टि से यह पूरा परिसर सौर ऊर्जा से जगमगाएगा।

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अब बारी कल्पनाओं के उस भव्य मंदिर के दर्शन की है, जिसे तीन वर्षों के भीतर बना लेने का दावा ट्रस्ट की ओर से किया जा रहा है। ग्रेनाइट के चमकते फर्श से सजे मंदिर के भूतल पर आपको रामलला विराजमान के दर्शन होंगे तो प्रथम तल पर आपको रामदरबार सजा मिलेगा। इसमें प्रभु राम और सीता मैया के अलावा तीनों भाई और हनुमान जी विराजमान होंगे। यह दरबार रामलला विराजमान के गर्भगृह के ठीक ऊपर होगा। इससे प्रथम तल पर मौजूद श्रद्धालुओं के चरण रामलला के गर्भगृह के ऊपर नहीं पहुंच सकेंगे। दोनों का मुंह पूर्व दिशा में होगा। शिखर से पहले द्वितीय तल भी होगा, लेकिन यहां भक्तों के चरण नहीं पड़ेंगे। यह तल सिर्फ मंदिर को भव्यता देने के निमित्त निर्म‍ित होगा।

मंदिर के होंगे पांच प्रखंड

  • 05 प्रखंड में बनेगा मंदिर (अग्रभाग, सिंहद्वार, नृत्यमंडप, रंगमंडप और गर्भगृह)
  • 360 फीट लंबा, 235 फीट चौड़ा एवं 161 फीट ऊंचा होगा भव्य राममंदिर
  • 08 फीट ऊंची होगी मंदिर की प्रथम पीठिका, सीढिय़ों से पहुंचा जा सकेगा
  • 06 एकड़ क्षेत्र में मंदिर के साथ उससे जुड़े परिक्रमा पथ व पंचदेव मंदिर होंगे
  • 01 लाख श्रद्धालु रोज दर्शन कर सकेंगे, 70 एकड़ में श्रीराम तीर्थ क्षेत्र परिसर होगा
  • 03 राजस्व गांव रामकोट, ज्वालापुर और अवधखास परिसर में होंगे शामिल

मंदिर परिसर में दिखेगी नवग्रह वाटिका

परिसर में नवग्रह वाटिका भी बनाई जाएगी। ग्रह-नक्षत्रों को अनुकूल बनाने वाले पौधों की वाटिका पर काम भी शुरू हो गया है। प्रभागीय वनाधिकारी मनोज खरे ने बताया कि परिसर में नवग्रह वाटिका की स्थापना के क्रम में एक माह के भीतर 100 से अधिक पौधे परिसर में रोपे गए हैं।

स्थापित हो चुकी हैं ये वाटिकाएं

पंचवटी : आंवला, बेल, बरगद, पीपल और अशोक के समूह को पंचवटी कहते हैं। इसे पंचभूतों से भी जोड़कर देखा जाता है स्कंद पुराण में इसका वर्णन मिलता है।

हरिशंकरी: इस वाटिका में भगवान विष्णु और शंकर की कृपा मानी जाती है। इसके तहत पीपल, पाकड़ और बरगद इस प्रकार रोपित किए जाते हैं कि तीनों का संयुक्त छत्र विकसित हो।

नक्षत्र वाटिका : इस वाटिका में 27 नक्षत्रों से संबंधित पौधे रोपे गए हैं। अश्विनी-कुचला, भरणि-आंवला, कृतिका-गूलर, रोहिणी-जामुन, मृगशिरा-खैर, आर्द्रा-शीशम, पुनर्वसु-बांस, पुष्य-पीपल, आश्लेषा-नागकेसर, मघा-बरगद, पूर्वा फाल्गुनी-पलाश, उत्तरा फाल्गुनी-पाकड़, हस्त-रीठा, चित्रा-बेल, स्वाति-अर्जुन, बिसाखा-विकंकत, अनुराधा-मौलश्री, ज्येष्ठा-चीड़, मूल-साल, पूर्वाषाढ़ा-जलवेतस, उत्तरासाढ़ा-कटहल, श्रवण-मदार, धनिष्ठा-शमी, शतभिषक-कदंब, पूर्वा भाद्रपद-आम, उत्तरा भाद्रपद-नीम, रेवती-महुआ।

'मंदिर के द्वितीय तल पर प्रवेश वॢजत होगा। इसका निर्माण मंदिर को भव्यता देने के निमित्त किया जाएगा। भूतल पर रामलला विराजमान होंगे तो प्रथम तल पर रामदरबार का दर्शन होगा।'  - चंपत राय, महासचिव, श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट 


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