अयोध्या में दीपोत्सव से बयां होगी भगवान राम की वैश्विक व्याप्ति
दीपोत्सव की वैश्विकता श्रीलंका के भी कलाकारों से परिपुष्ट होगी। दीपोत्सव के क्रम में श्रीलंका के पांच कलाकार चित्रकार के तौर पर प्रतिभाग करेंगे।
अयोध्या [रघुवरशरण]। भगवान राम की नगरी अयोध्या में 24 अक्टूबर से प्रस्तावित दीपोत्सव की वैश्विकता विदेशी कलाकारों से बयां होगी। इस दौरान रामलीला प्रस्तुति के लिए मॉरीशस, थाईलैंड, सूरीनाम, इंडोनेशिया एवं नेपाल की मंडलियों का आगमन सुनिश्चित हुआ है।
यह सभी मंडलियां 26 अक्टूबर को दीपोत्सव के दिन रामकथा पार्क के मंच से प्रस्तुति देंगी। साथ ही 24 एवं 25 अक्टूबर को गुप्तारघाट एवं नयाघाट मंच पर भी लीला करेंगी। हर मंडली में आठ से 12 कलाकार विभिन्न रामकथा प्रसंगों का मंचन करेंगे। यह पहला मौका नहीं है, जब दीपोत्सव के मौके पर इस विरासत के मूल में प्रतिष्ठित भगवान राम की वैश्विक व्याप्ति परिभाषित होगी। गत दीपोत्सव में भी विभिन्न देशों की प्रस्तुतियों ने समां बांधा था।
दीपोत्सव की वैश्विकता श्रीलंका के भी कलाकारों से परिपुष्ट होगी। दीपोत्सव के क्रम में श्रीलंका के पांच कलाकार चित्रकार के तौर पर प्रतिभाग करेंगे। दीपोत्सव के विभिन्न कार्यक्रमों में रामकथा पर आधारित चित्रकला प्रदर्शनी भी शामिल है। रामकथा संग्रहालय प्रदर्शनी में देश के चुनिंदा 10 कलाकारों सहित श्रीलंका के पांच कलाकारों की भी कृतियां प्रदर्शित होंगी।
राजा रामदशम होंगे मुख्य अतिथि
दीपोत्सव की वैश्विकता मुख्य अतिथि के रूप में राजा राम दशम उपाधिधारी थाईलैंड के राजा वजीरालोंगकोर्न की मौजूदगी से भी बयां होगी। बौद्ध धर्मानुयायी राजा राम दशम उस दौर की याद दिलाते हैं, जब थाईलैंड सहित पूर्व एशिया के अनेकानेक देश भारत के सांस्कृतिक उपनिवेश के तौर पर प्रतिष्ठापित रहे हैं।
भारतीयता का पुट उनके वंश की उपाधि से ही नहीं उनके नाम से भी परिलक्षित है। 2016 में चिरनिद्रा में लीन हुए राजा राम नवम उपाधिधारी उनके पिता का नाम भूमिबल अतुल्य तेज था, तो उनके उत्तराधिकारी का नाम दीपंकर रश्मिजोति है।