आराध्य के प्रति समर्पित हुई रामनगरी की होली
र्वाधिक स्वाभाविक माध्यम है। रामवल्लभाकुंज में होली की शाम का संयोजन कर रहे अधिकारी राजकुमारदास के अनुसार होली में भक्ति का ऐसा चरम परिलक्षित है जिसमें भक्त अपना अस्तित्व आराध्य में समर्पित कर देता है। दशरथमहल की गणना नगरी की आचार्य पीठ के रूप में होती है। यहां के संस्थापक स्वामी रामप्रसादाचार्य पैरों में घुंघरू बांधकर आराध्य को रिझाया करते थे। यह विरासत होली गीतों की महफिल के रूप में पूरी रौ में प्रवाहित हुई। संगीत संध्या की मेजबानी कर रहे दशरथमहल के वर्तमान महंत बिदुगाद्याचार्य देवेंद्रप्रसादाचार्य आचार्यप्रणीत गीत की फरमाइश कर रहे होते हैं।
अयोध्या : रामनगरी की होली आराध्य के प्रति समर्पित हुई। गुरुवार को होली के प्रथमार्ध का आगाज यदि आराध्य को गुलाल-अर्पण करने के साथ हुआ तो सायं आराध्य के दरबार में होली गीतों की महफिल सजी। आराध्य को गुलाल अर्पित करने के बाद संतों ने आपस में जमकर होली खेली गई। होली की भावना के अनुरूप सभी उत्सव के उल्लास में शामिल हुए। साधु, गृहस्थ, बच्चे-बूढ़े। सभी पर होली का रंग चढ़ा। महिलाओं की भी टोली यत्र-तत्र रंगों से सराबोर नजर आई। सायं यदि नागा साधु शोभायात्रा के रूप में हनुमान जी के निशान के साथ होली मिलन के लिए निकले। सायं कनकभवन, दशरथमहल, लक्ष्मणकिला, रामवल्लभाकुंज, रंगमहल, जानकीमहल आदि मधुर उपासना से जुड़े मंदिरों में भक्ति में पगे होली गीतों की छटा बिखरी। लक्ष्मणकिला में किलाधीश महंत मैथिलीरमणशरण मंझे गायकों के बीच अपनी गायकी का लोहा मनवाया।
कनकभवन में प्रस्तुति के लिए संगीतज्ञों में होड़ रही। प्रस्तुति के लिए सन्नद्ध मधुकरी संत मिथिलाबिहारी दास कहते हैं, होली समर्पण का पर्व है और समर्पण के लिए संगीत सर्वाधिक स्वाभाविक माध्यम है। रामवल्लभाकुंज में होली की शाम का संयोजन कर रहे अधिकारी राजकुमारदास के अनुसार होली में भक्ति का ऐसा चरम परिलक्षित है, जिसमें भक्त अपना अस्तित्व आराध्य में समर्पित कर देता है। दशरथमहल की गणना नगरी की आचार्य पीठ के रूप में होती है। यहां के संस्थापक स्वामी रामप्रसादाचार्य पैरों में घुंघरू बांधकर आराध्य को रिझाया करते थे। यह विरासत होली गीतों की महफिल के रूप में पूरी रौ में प्रवाहित हुई। संगीत संध्या की मेजबानी कर रहे दशरथमहल के वर्तमान महंत बिदुगाद्याचार्य देवेंद्रप्रसादाचार्य आचार्यप्रणीत गीत की फरमाइश कर रहे होते हैं। उनके कृपापात्र रामभूषणदास कृपालु आराध्य के स्वरूप सहित अन्य आगंतुकों की आवभगत में लगे होते हैं। समर्पण में गोते लगाती संगीत संध्या आगे बढ़ने के साथ श्रोताओं की लीनता होली के अलहदा रंग से परिचय कराती है। --------------इनसेट-------- बब्लू खान ने किया होलिका दहन
- राममंदिर के लिए अभियान चलाने वाले बब्लू खान ने अपने गांव में होलिका दहन किया। होलिका दहन के लिए उनसे गांव के लोगों ने आग्रह किया और उन्होंने यह गौरव सहर्ष स्वीकार किया। अगले दिन यानी गुरुवार को उन्होंने होलिकारों की टोली का भी नेतृत्व कर सांप्रदायिक एकता की मिसाल पेश की। ------------------- 1600 लोगों को मिली नई पोशाक
- बाघी मंदिर के व्यवस्थापक एवं महर्षि महेश योगी की आध्यात्मिक मुहिम से जुड़े समाजसेवी विकास श्रीवास्तव ने होली की पूर्व संध्या में 1600 लोगों को पैंट-शर्ट, धोती-कुर्ता, कुर्ता-पायजामा एवं साड़ी वितरित किया। कार्यक्रम की शुरुआत निर्वाणीअनी अखाड़ा के श्रीमहंत धर्मदास ने की। इस दौरान विकास ने कहा, होली समग्र अस्तित्व के आनंद का पर्व है और हमारी कोशिश है कि आनंद के महोत्सव में अधिकाधिक लोग शामिल हों। ----------------- नाका हनुमानगढ़ी भी रही गुलजार
-पौराणिक महत्व की पीठ नाका हनुमानगढ़ी में होली का उल्लास हनुमानजी की विशेष साज-सज्जा एवं पूजन के साथ गो माता की सेवा से बयां हुआ। पीठाधिपति महंत रामदास ने आश्रम के करीब एक दर्जन गोवंश को सरयू जल से स्नान कराया और उनका पूजन किया। इससे पूर्व मंदिर के ही नुक्कड़ पर होलिका दहन से होली का उल्लास बिखरा।