Ayodhya After Verdict : हर मन में अब तो रामलला के अद्वितीय मंदिर की कल्पना
Ayodhya After Verdict रामलला के पक्षकारों एवं धर्माचार्यों की यह चाहत बयां हो रही है कि रामजन्मभूमि पर जो मंदिर बने वह अद्भुत-अद्वितीय हो।
अयोध्या [रघुवरशरण]। भगवान राम की नगरी अयोध्या में रामजन्मभूमि के हक में सुप्रीमकोर्ट का फैसला आने के बाद रामभक्तों का उत्साह नित्य परवान चढ़ रहा है। ऐसे में रामलला के पक्षकारों एवं धर्माचार्यों की यह चाहत बयां हो रही है कि रामजन्मभूमि पर जो मंदिर बने, वह अद्भुत-अद्वितीय हो।
इस उत्साह के पीछे रामलला की अति समृद्ध धार्मिक-आध्यात्मिक-सांस्कृतिक अयोध्या में अब विरासत के साथ रामजन्मभूमि की मुक्ति के लिए सदियों चले सुदीर्घ संघर्ष का गौरवमय समापन है। बिंदुगाद्याचार्य महंत देवेंद्रप्रसादाचार्य कहते हैं, भगवान राम जिस तरह सभी अवतारों में श्रेष्ठतम हैं, उसी प्रकार उनका मंदिर भी श्रेष्ठतम बनना चाहिए और इसके लिए यत्न की जरूरत भी नहीं है। रामलला के करोड़ों-करोड़ भक्त मंदिर के लिए इतना पैसा देंगे कि उसे रखने तक की जगह नहीं बचेगी।
रविवार को ही रामजन्मभूमि पर बनने वाले मंदिर के लिए दस करोड़ रुपये दान देने का एलान करने वाले पूर्व आईपीएस अधिकारी एवं पटना के महावीर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष आचार्य किशोर कुणाल कहते हैं कि रामलला का मंदिर भव्यतम होना चाहिए और इस स्वप्न को साकार करने के लिए रामभक्त पैसे की कोई कमी नहीं पडऩे देंगे। वह तो यहां तक कहते हैं कि रामलला का भव्यतम मंदिर एक हजार करोड़ की लागत से बनना चाहिए।
प्रतिष्ठित पीठ रामवल्लभाकुंज के अधिकारी राजकुमारदास भी इसी मत के हैं। उनका कहना है कि रामलला का मंदिर रोज-रोज तो बनने वाला नहीं है। इसलिए ऐसा मंदिर बने, जो युगों तक अक्षुण रहे और जिसकी भव्यता दुनिया भर के लिए स्थापत्य की शानदार नजीर बने। रामजन्मभूमि मंदिर निर्माण न्यास के अध्यक्ष एवं जानकीघाट बड़ास्थान के महंत जन्मेजयशरण कहते हैं कि रामलला का मंदिर अति भव्य और ऐतिहासिक बने। इसे भव्यता के पर्याय सोमनाथ एवं अक्षरधाम मंदिर से भी अधिक भव्य बनाया जाना चाहिए। वे राममंदिर के लिए सहयोग कर स्वयं को भी धन्य करने का इरादा रखते हैं।
अदालत में दशकों तक रामलला की पैरोकारी करते रहे पौराणिक महत्व की पीठ नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास कहते हैं, जिस प्रकार अयोध्या में भगवान राम की प्रस्तावित 251 मीटर ऊंची प्रतिमा दुनिया की सबसे ऊंची होगी, उसी प्रकार रामजन्मभूमि पर बनने वाला मंदिर दुनिया में भव्यतम हो। वे भी रामलला के मंदिर के लिए एक हजार करोड़ की राशि मुकर्रर करते हैं। गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड के मुख्यग्रंथी ज्ञानी गुरुजीत ङ्क्षसह भी रामलला के लिए दुनिया का भव्यतम मंदिर चाहते हैं।
न्यास के प्रस्तावित मंदिर की हो रही समीक्षा
रामभक्तों की आसमान छूती आकांक्षा के आगे रामजन्मभूमि पर प्रस्तावित उस मंदिर के आकार-प्रकार की भी समीक्षा होने लगी है, जिसके अनुरूप रामजन्मभूमि न्यास कार्यशाला में तीन दशक से शिलाओं की तराशी हो रही है। न्यास की ओर से प्रस्तावित मंदिर 268 फीट लंबा, 140 फीट चौड़ा एवं 140 फीट ऊंचा है।