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खेत-खलिहान से तपकर निकला ' मेधा' का ' सोना'

सोना झटक किसानों के पाल्यों ने बढ़ाया मान संस्कारयुक्त समाज के सृजन को जताई प्रतिबद्धता.

By JagranEdited By: Published: Fri, 12 Mar 2021 11:45 PM (IST)Updated: Fri, 12 Mar 2021 11:45 PM (IST)
खेत-खलिहान से तपकर निकला ' मेधा' का ' सोना'
खेत-खलिहान से तपकर निकला ' मेधा' का ' सोना'

अयोध्या: अवध विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में किसानों के पाल्यों ने भी मेधा का खूब जलवा दिखाया। शुक्रवार को स्वर्ण पदक पाने वाले मेधावियों की कतार में कई चेहरे खास हैं। इनके पिता खेतों में सोना उगाते हैं और जब उनकी बारी आई तो वह भी शैक्षणिक जगत की बड़ी उपलब्धि हासिल करने में पीछे नहीं रहे। इन होनहारों ने अपने-अपने कोर्स में सर्वाधिक अंक पाकर स्वर्ण पदक हासिल किया।

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अयोध्या की गोसाईंगंज निवासी किसान की बेटी नेहा तिवारी को एमएससी जियोलॉजी में सर्वोच्च अंक हासिल करने के लिए स्वर्ण पदक मिला। नेहा ने कटेहरी स्थित देव इंद्रावती ग्रुप ऑफ कॉलेज से पढ़ाई की। इस मेडल को नेहा ने पिता के परिश्रम को समर्पित करते हुए कहा कि वह अच्छी शिक्षक बनाकर समाज को मूल्ययुक्त बनाने में सहयोगी बनना चाहती है।

धर्मवीर ने नंदिनीनगर नवाबगंज गोंडा से कृषि में परास्नातक की पढ़ाई पूरी की। उन्हें एग्रोनॉमी में सर्वाधिक अंक हासिल करने के लिए स्वर्ण पदक दिया गया। बताते हैं कि पिता खेती किसानी करते हैं। उनके साथ वे भी खेतों में काम करते थे तो कृषि की पढ़ाई करने का लक्ष्य बनाया। ईश्वर व पिता के आशीर्वाद से अथक परिश्रम से यह स्वर्ण पदक मिला। आगे चलकर वह जैविक खेती के क्षेत्र में कार्य करने के इच्छुक हैं। उनका कहना है कि जैविक खेती बारी में ही व्यक्ति सुरक्षित है। मंजीत पांडेय ने नंदिनी नगर महाविद्यालय से ही एंटोमोलॉजी से परास्नातक की पढ़ाई की। सर्वाधिक अंक मिलने पर उन्हें स्वर्ण पदक दिया गया। उनके पिता खेती करते हैं। बताते हैं कि कृषि सुधार की दिशा में कार्य करने की इच्छा है। अयोध्या के देवराकोट की रहने आयुषी सिंह को एमएससी गणित में सर्वोच्च अंक हासिल करने के लिए स्वर्ण पदक मिला। श्रीरामचंद्र पीजी कॉलेज लोहटी सरैया में पढ़ाई करते हुए कामयाबी हासिल की। आयुषी के पिता भीम सिंह खेती करते हैं। आयुषी का सपना पीसीएस अफसर बनने का है। एमकाम में सर्वोच्च अंक पाने वाली शिमली सिंह के पिता फोटोकॉपी की दुकान संचालित करते हैं। सुलतानपुर की मूल निवासी शिमली ने राजकीय डिग्री कॉलेज मुसाफिरखाना से पढ़ाई की है। वह प्रोफेसर बनना चाहती है। इसी जिले की निवासी यशांकिता को माइक्रोबायोलॉजी में स्वर्ण पदक मिला। केएनआई से पढ़ाई की है। वह शिक्षक बनकर समाज में मूल्यों की स्थापना के लिए कार्य करना चाहती हैं, यही की गौरीप्रभा मिश्रा ने एमएससी पर्यावरण में स्वर्ण पदक हासिल किया है। वह शिक्षक बनकर समाज की सेवा करना चाहती हैं।


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