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क्षुब्ध भाजपाइयों ने पार्टी कार्यक्रम से कसा किनारा

फैजाबाद : पार्टी की एकजुटता और ताकत साबित करने के दावे के साथ प्रस्तावित भाजपा की बाइक र

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 11:44 PM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 11:44 PM (IST)
क्षुब्ध भाजपाइयों ने पार्टी कार्यक्रम से कसा किनारा
क्षुब्ध भाजपाइयों ने पार्टी कार्यक्रम से कसा किनारा

फैजाबाद : पार्टी की एकजुटता और ताकत साबित करने के दावे के साथ प्रस्तावित भाजपा की बाइक रैली एवं बूथ अभिनंदन समारोह पहले दिन ही औंधे मुंह नजर आई। पार्टी की पूरा मंडल इकाई ने इस कार्यक्रम से स्वयं को अलग कर लिया और जिला कार्यालय पर पार्टी की बैठक के बाद समारोह की किट लेने से इंकार कर दिया। पूरा मंडल इकाई के असंतोष की वजह पार्टी की जिला कार्यसमिति के सदस्य एवं सांसद लल्लू ¨सह के प्रतिनिधि रहे बाबूराम यादव से नगर कोतवाली के प्रभारी अमर ¨सह का दु‌र्व्यवहार है। बाबूराम का आरोप है कि वे मार-पीट में घायल पार्टी समर्थकों का मेडिको लीगल कराने के लिए गुरुवार की रात जिला चिकित्सालय में थे। इसी बीच मौके पर पहुंचे कोतवाल ने उनकी दिव्यांगता और राजनीति को लक्ष्य कर उनका अपमान शुरू किया। कोतवाल ने 10 मिनट के दौरान ऐसा दो बार किया। बाबूराम के मुताबिक पहली बार तो उन्होंने अपमान का घूंट पी लेने का फैसला किया पर चिकित्सालय से लौटते हुए कोतवाल ने पुन: उन पर अपमानजनक शब्दों की बौछार की। इस दौरान भाजपा की वरिष्ठ नेत्री एवं पार्षद अशोका द्विवेदी ने कोतवाल को समझाने की चेष्टा की, तो कोतवाल ने उन्हें भी पूरी कड़ाई से शांत रहने का निर्देश दिया। कार्यकर्ता के अपमान पर सांसद लल्लू ¨सह भी क्षुब्ध हैं और उन्होंने कोतवाल के विरुद्ध कार्रवाई के लिए पीड़ित कार्यकर्ता के साथ डीआइजी ओंकार ¨सह से भेंट भी की। जिला कार्यालय में भाजपा की जिला स्तरीय बैठक के दौरान घटना के तीसरे दिन तक कोतवाल का बाल भी बांका न होने का मुद्दा छाया रहा। पार्टी के पूरा मंडल अध्यक्ष हरभजन गौड़ के अनुसार पुलिस का यह अन्याय किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और जब तक कोतवाल का तबादला नहीं होगा, तब तक पूरा मंडल इकाई पार्टी कार्यक्रमों से स्वयं को अलग रखेगी। सत्ताधारी दल का कार्यकर्ता भी सुरक्षित नहीं: यादव

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फैजाबाद जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष, विधान परिषद सदस्य एवं वरिष्ठ सपा नेता हीरालाल यादव ने भी इस घटना पर क्षोभ जताया। उन्होंने कहा, मौजूदा सरकार में यदि सत्ताधारी दल का कार्यकर्ता सुरक्षित नहीं है, तो आम आदमी का क्या होगा। उन्होंने इस मसले को विधान परिषद में उठाने की भी बात कही।


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