रातभर शब्बेदारी में गूंजी मातम की सदाएं
फैजाबाद : शनिवार देर शाम अंजुमन गुन्चये मजलूमिया ने अली असगर की याद में इमामबाड़ा जवाहर अली
फैजाबाद : शनिवार देर शाम अंजुमन गुन्चये मजलूमिया ने अली असगर की याद में इमामबाड़ा जवाहर अली खां में शब्बेदारी संपन्न हुई। वसीका अरबी कालेज से अंजुमन सोगवारा हुसैन अलम मुबारक उठाकर इमामबाड़ा जवाहर अली खां लाया गया। पेशखानी से मजलिस का आगाज हुआ। चंदन सानेहाल ने “जब तलक बाकी रहेगा एक भी मीसम जबा, हश्र तक होता रहेगा तसकेरा बेशीर का“ कलाम पेश किया। सिब्तैन मेंहदी शावर फैजाबादी, साहिल कलापुरी ने पेशखानी की। जर्मनी से तशरीफ लाए मौलाना इकरार हुसैन ने मजलिस पढ़ी। फिर शब्बेदारी का सिलसिला शुरू हुआ। शब्बेदारी की निजामत वसीम कस्टवी ने की। अंजुमन नासिराने हुसैन चित्तौड़गढ़ सादात, अंजुमने हैदरिया हल्लौर व जाफरिया कदीम बनारस, फैजाबाद की अंजुमने मासूमिया, अंजुमने नासिरिया, अब्बासिया, हुसैनिया ने तरही कलाम पेश किया। नमाजे सुबह गहवारा अली असगर जामा मस्जिद से उठकर इमामबाड़ा जवाहर अली खां लाया गया जिसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों से आईं अंजुमनों ने अली असगर की याद में नौहाखानी पेश की। मौलाना नदीम रजा जैदी ने तकरीर पेश की। शब्बेदारी में बाहर से आए मेहमानों व जायरीनों का अंजुमन के अध्यक्ष शादाब हुसैन राजन, उपाध्यक्ष हामिद जाफर मीसम, इब्ने हसन शम्मू, सचिव आसिफ रजा, कामिल हसनैन ने शुक्रिया अदा किया। शब्बेदारी में मौजूद सुजात हुसैन, मुनीर आब्दी, मुन्ने राजा, कासिम मेंहदी, इजहार हुसैन, कैसर मेंहदी, कदर खां, अली कदर, वसी हैदर गुड्डू, जाकिर हुसैन पाशा, हसन इकबाल, जफर अब्बास, नजमी जैदी, रफी हैदर, मोहम्मद हसनैन, इकबाल मुसन्ना, मोजिस जैदी, रिजवान हसनैन, अब्बास, हैदर अली, जफर, शानदार अली, उर्फी, अहमद जमीर, आदि मौजूद थे।