राम जन्म भूमि अधिगृहीत परिसर में आतंकी हमले की बरसी पर अयोध्या में अलर्ट
चौदह साल पहले पांच जुलाई 2005 को अयोध्या में अधिगृहीत परिसर में हुए आतंकी हमले की बरसी को लेकर अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
अयोध्या, जेएनएन। चौदह साल पहले पांच जुलाई, 2005 को अयोध्या में अधिगृहीत परिसर में हुए आतंकी हमले की बरसी को लेकर अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। संदिग्धों की तलाश में वाहनों की सघन चेकिंग का अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस ने होटल और धर्मशालाओं को भी खंगाला। अधिग्रहीत परिसर की सुरक्षा में तैनात पुलिस, पीएसी, केंद्रीय बलों को चौकस रहने का निर्देश दिया गया है।
पांच जुलाई, 2005 को अधिग्रहीत परिसर पर अत्याधुनिक हथियारों से लैस आतंकियों ने हमला कर दिया था। हमला करने वाले सभी फिदायीन मार दिए गए थे। शुक्रवार को हमले के 14 वर्ष पूरे हो जाएंगे। पुलिस ने अयोध्या को कड़े सुरक्षा कवच में जकड़ दिया है। हर आने-जाने वाले व्यक्ति पर खुफिया पुलिस की नजरें गड़ी हुई हैं। अयोध्या की सीमा से लेकर स्नानघाटों पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। प्रमुख मंदिरों के इर्द-गिर्द खुफिया कर्मियों की तैनाती कर दी गई है। एसपी सिटी अनिल सिंह ने बताया कि गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पुलिस टीमों को मोबाइल रहने का निर्देश दिया गया है।
पांच जुलाई 2005 को सुबह करीब सवा नौ बजे अयोध्या में अधिगृहीत परिसर में असलहों से लैस आतंकी घुस गए थे। सुरक्षा बलों से मुठभेड़ में पांच आतंकी मारे गए थे। दो निर्दोष लोगों को भी अपनी जान गंवानी पड़ी थी। सात लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। इसके बाद हुई जांच में आतंकियों को असलहों की सप्लाई और मदद करने में आसिफ इकबाल, मो. नसीम, मो. अजीज, शकील अहमद व डॉ. इरफान का नाम सामने आया। सभी को गिरफ्तार कर लिया गया था।
आतंकी हमले के 14 साल बाद 18 जून, 2019 को प्रयागराज की विशेष अदालत ने फैसला सुनाया। कोर्ट ने चार दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जबकि एक आरोपी मोहम्मद अजीज को बरी कर दिया। कोर्ट ने इरफान, मोहम्मद शकील, मोहम्मद नफीस, आसिफ इकबाल उर्फ फारूक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इन पर ढाई लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया।