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युवा उद्यमियों के लिए कृषि में असीम संभावनाएं : डॉ. राठौर

कुमारगंज (अयोध्या) आचार्य नरेंद्रदेव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के 21वें दीक्षा समारोह में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के पूर्व महानिदेशक डॉ. लक्ष्मण सिंह राठौर ने कहाकि कृषि पढ़ने वाले छात्रों का बहुत कम प्रतिशत ही खेती-किसानी से जुड़ता है जबकि युवा उद्यमियों के लिए कृषि क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। राष्ट्र के विकास व गरीबी उन्मूलन में कृषि अधिक प्रभावी है। उन्होंने कहाकि विद्यार्थी अपने ज्ञान का उपयोग समस्याओं का समाधान निकालने में करें। कहा पिछले तीन दशकों से भारत में कृषि व्यवस्था संकट के दौर से गुजर रही है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Sep 2019 11:26 PM (IST)Updated: Wed, 04 Sep 2019 11:26 PM (IST)
युवा उद्यमियों के लिए कृषि में असीम संभावनाएं : डॉ. राठौर
युवा उद्यमियों के लिए कृषि में असीम संभावनाएं : डॉ. राठौर

कुमारगंज (अयोध्या): आचार्य नरेंद्रदेव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के 21वें दीक्षा समारोह में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के पूर्व महानिदेशक डॉ. लक्ष्मण सिंह राठौर ने कहाकि कृषि पढ़ने वाले छात्रों का बहुत कम प्रतिशत ही खेती-किसानी से जुड़ता है, जबकि युवा उद्यमियों के लिए कृषि क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। राष्ट्र के विकास व गरीबी उन्मूलन में कृषि अधिक प्रभावी है। उन्होंने कहाकि विद्यार्थी अपने ज्ञान का उपयोग समस्याओं का समाधान निकालने में करें। कहा, पिछले तीन दशकों से भारत में कृषि व्यवस्था संकट के दौर से गुजर रही है। जलवायु परिवर्तन, कृषि क्षेत्रों में घटता निवेश, प्राकृतिक संसाधनों का दुरुपयोग, कीमतों में अत्यधिक हस्तक्षेप, सिचाई सुविधाओं का अभाव आदि की वजह से कृषि को काफी नुकसान हुआ है। इन समस्याओं से कृषि को उबारने में विद्यार्थियों को अपना योगदान देना होगा।

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उन्होंने कहाकि आने वाले समय में पानी का संकट और बढ़ेगा। इस संकट के जिम्मेदार भी हम ही होंगे। जलस्त्रोतों का अंधाधुंध इस्तेमाल, वर्षा जल संचयन के प्रति जागरूकता की कमी, वृक्षों की कटाई और वनों के लगातार घटने से जल संकट बढ़ा है। पानी के विवेकपूर्ण इस्तेमाल की आवश्यकता है। वन ड्रॉप-मोर क्रॉप की ओर बढ़ना होगा। साथ ही दूषित जल को दोबारा खेती योग्य बनाने की प्रक्रिया में सभी को भागीदारी करनी होगी। डॉ. राठौर ने कहाकि छोटे एवं सीमांत किसानों को पशुपालन व मत्स्य पालन की जानकारी देनी चाहिए। इससे किसानों की आय में इजाफा होगा।

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कुलपति ने गिनाईं विवि की उपलब्धियां

दीक्षा समारोह में कुलपति प्रो. जेएस संधू ने विवि की उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने कहाकि विवि के सुल्तानपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र को आर्गेनिक फार्म के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे किसानों को ऑर्गेनिक फार्मिंग की जानकारी दी जा सके। उन्होंने कहाकि विवि में जैव विविधता को बढ़ावा देने के लिए किसान जैव विविधता पार्क की स्थापना की गई है। इसमें नई प्रजातियों को विकसित करने एवं फार्म के विकास के लिए अतिरिक्त धन की व्यवस्था की गई है। दलहनी फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सीड हब एवं सीड परीक्षण प्रयोगशाला जैसी परियोजनाओं को मूर्त रूप देने के लिए कदम उठाया जा रहा है। इसके साथ ही पहली बार आम व जामुन दिवस मनाया गया, जिसमें आम व जामुन की प्रदर्शनी लगाई गई। प्रो. संधू ने बताया कि पहली बार किसान कैबिनेट का गठन किया गया, जिसमें परिक्षेत्र के 26 जिलों के दो-दो प्रगतिशील किसानों को शामिल किया गया। उन्होंने कहाकि एक वर्ष में कुल 45 शोध परियोजनाओं को वित्त पोषित संस्थाओं में जमा कराया गया। प्रो. संधू ने प्लेसमेंट सेल, वेस्ट डिस्पोजल आदि की जानकारी भी साझा की। कार्यक्रम का संचालन कुलसचिव डॉ. एके गंगवार व डॉ. सीताराम मिश्र ने किया। इस मौके पर महापौर ऋषिकेश उपाध्याय, विधायक वेदप्रकाश गुप्ता, रामचंद्र यादव, गोरखनाथ बाबा, विप सदस्य ध्रुवकुमार त्रिपाठी, उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक बृजेंद्र सेंगर, डीएम अनुज झा, एसएसपी आशीष तिवारी, प्रबंध परिषद सदस्य छेदी सिंह, शिवजीत यादव, मुन्नी देवी शर्मा, भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ एडी पाठक आदि थे।

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फल से हुआ स्वागत

दीक्षा समारोह में स्वागत की परंपरा में भी नई पहल की गई। कुलपति प्रो. जेएस संधू ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का स्वागत फलों की टोकरी से किया। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहाकि घर में फल बीमार होने पर ही आते हैं, जबकि पौष्टिक आहार के लिए फल बेहद उपयोगी हैं।

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बच्चों को दी एजुकेशनल किट

समारोह में 50 नन्हें मेहमान भी थे। परिषदीय विद्यालयों के 50 विद्यार्थियों को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने एजूकेशनल किट व फल भेंट किये। कहा, जन्मदिन व अन्य उत्सवों में स्कूल में पुस्तकों को भेंट करना चाहिए। इससे विद्यालयों की लाइब्रेरी बेहतर होगी।


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