दीपोत्सव के लिए सुनिश्चित कराई जा रही संतों की भागीदारी
दीपोत्सव में साधु-संतों की भागीदारी सुनिश्चित कराई जा रही है। रामकथा संग्रहालय में इसके लिए जिले के प्रशासनिक अधिकारियों की साधु संतों के साथ बैठक हुई।
अयोध्या : दीपोत्सव में साधु-संतों की भागीदारी सुनिश्चित कराई जा रही है। रामकथा संग्रहालय में संतों के साथ बैठक के दौरान जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने बताया कि दीपोत्सव में अयोध्या के प्रमुख साधु-संतों सहित गणमान्य लोगों को आमंत्रित किया जाएगा। साधु-संतों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने व वापस लाने के लिए जिला प्रशासन अच्छे से अच्छा वाहन उपलब्ध कराएगा। साधु-संतों के आमंत्रणपत्र के साथ मेन्यू का एक फोल्डर संलग्न रहेगा, जिसमें विभिन्न तिथियों को आयोजित होने वाले दीपोत्सव के सभी कार्यक्रमों का विवरण, समय व स्थल का विवरण होगा। जिलाधिकारी ने दीपोत्सव में साधु-संतों से हरसंभव सहयोग करने का आह्वान भी किया। जिलाधिकारी ने दीपोत्सव के लिए संतों के सुझाव को स्वागतयोग्य बताया और उस पर अमल का आश्वासन भी दिया। बैठक में महापौर रिषिकेश उपाध्याय, विधायक वेदप्रकाश गुप्त, एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय, नगर आयुक्त विशाल सिंह, मुख्य विकास अधिकारी अनिता यादव सहित महंत कमलनयनदास, महंत जन्मेजयशरण, महंत सुरेशदास, महंत रामदास, महंत शशिकांतदास, महंत गिरीशदास, महंत अवधेशकुमारदास, ग्रंथी चरनजीत सिंह, योगेंद्रनारायण त्रिपाठी, लाल जी मिश्र, अभय दास, कृष्णप्रताप तिवारी, मयंकदास के अलावा उपनिदेशक सूचना डॉ. मुरलीधर सिंह, एआरटीओ आरपी सिंह आदि मौजूद रहे। अगले दिन होगी मुख्य उत्सव की पुनरावृत्ति
जिलाधिकारी ने बताया कि इस बार दीपोत्सव कार्यक्रम एक नवंबर से शुरू हो जाएगा। दो नवंबर को रिर्हसल एवं टूर एंड ट्रैवेल्स का कार्यक्रम निर्धारित है। तीन नवंबर को मुख्य कार्यक्रम होना है। इस दिन शोभायात्राओं का गमन, सरयू तट पर हेलीकाप्टर से श्रीराम, सीता एवं हनुमान जी के स्वरूप का आगमन, राज्याभिषेक का मंचन, नौ लाख दीपों का प्रज्वलन, लेजर शो के माध्यम से त्रेतायुगीन अयोध्या का ²श्यांकन प्रस्तावित है। अगले दिन इन्हीं कार्यक्रमों को फिर से प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि स्थानीय लोग भी इन प्रस्तुतियों का आस्वाद ले सकें।