84 कोस की सीमा के पौराणिक स्थलों का होगा विकास
अयोध्या अयोध्या के 84कोसी परिक्रमा पथ की स्वीकृति के बाद अब इसके आध्यात्मिक स्थलों के विकास एवं सरयू तट पर ग्रीन बेल्ट विकसित करने का प्रस्ताव इलाकाई सांसद लल्लू सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपा है। मुख्यमंत्री ने सांसद के प्रस्ताव को अपने अनुमोदन के साथ केंद्र सरकार को भेजने का आश्वासन दिया है।
अयोध्या : 84 कोसी परिक्रमा पथ की स्वीकृति के बाद अब इसके आध्यात्मिक स्थलों के विकास एवं सरयू तट पर ग्रीन बेल्ट विकसित करने का प्रस्ताव इलाकाई सांसद लल्लू सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपा है। मुख्यमंत्री ने सांसद के प्रस्ताव को अपने अनुमोदन के साथ केंद्र सरकार को भेजने का आश्वासन दिया है।
सांसद लल्लू सिंह ने अपने पिछले कार्यकाल में संतों-श्रद्धालुओं की मंशा के अनुरूप अयोध्या की 84कोसी परिक्रमा पथ का प्रस्ताव दिया था। केंद्रीय राजमार्ग एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लगभग तीन हजार करोड़ की लागत से बनने वाले परिक्रमा पथ की स्वीकृति के साथ इसे राजमार्ग घोषित कर दिया है। अब इसके अगले चरण में सांसद ने 84कोसी सीमा के अंदर व बाहर गोंडा, बस्ती, अंबेडकरनगर में पड़ने वाले प्रमुख आध्यात्मिक व सांस्कृतिक केंद्रों के विकास का प्रस्ताव मुख्यमंत्री को सौंपा है।
सांसद का कहना है कि इन केंद्रों के विकास से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि अध्यात्म, संस्कृति और संस्कार को पुष्ट किया जा सकेगा। प्रस्ताव में रामायणकालीन महत्वपूर्ण स्थलों के साथ ऋषियों की तपस्थली को विकसित किए जाने की योजना शामिल है।
प्रस्ताव में शामिल कार्य
- ग्रीन बेल्ट राम की पैड़ी से प्रारंभ होकर पूर्व की दिशा में दशरथ समाधि तक विस्तृत होगा। ग्रीन बेल्ट का मुख्य द्वार लखनऊ-गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर खुलेगा। ग्रीन बेल्ट के परिसर में एक विशाल आडीटोरियम बनाया जाएगा, जिसमें त्रेतायुगीन पौराणिकता का सजीव अंकन होगा। एक बड़े परिसर में राम की अयोध्या से श्रीलंका यात्रा के साथ उनकी अन्य यात्राओं का अंकन भी होगा। इसी परिसर में लाईट एण्ड साउंड बेस राम कथा को अनवरत दिखाए जाने की व्यवस्था होगी।