20 हजार छात्रों के लिए मात्र तीन शौचालय
अयोध्या : स्वच्छता एवं शौचालय को लेकर भले ही नारेबाजी फलक पर हो पर नगरी के सर्वाधिक प्रतिि
अयोध्या : स्वच्छता एवं शौचालय को लेकर भले ही नारेबाजी फलक पर हो पर नगरी के सर्वाधिक प्रतिष्ठित साकेत महाविद्यालय में 20 हजार तक की छात्र संख्या के मुकाबले मात्र तीन शौचालय हैं, वह भी परिसर के ऐसे सिरे पर, जहां शौच की आकस्मिक स्थिति में पहुंचना आसान नहीं है। महाविद्यालय में अध्ययनरत 50 फीसद से अधिक छात्राओं की सुविधा के मद्देनजर विचार करें तो शौचालय की यह व्यवस्था न के बराबर प्रतीत होती है।
महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक एवं मीडिया प्रभारी डॉ. मनोज छापड़िया भी शौचालय की समुचित व्यवस्था न होने की शिकायत स्वीकार करते हैं और विश्वास दिलाते हैं कि निकट भविष्य में शौचालय की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित होगी। वे याद दिलाते हैं कि महाविद्यालय प्रबंध समिति की ओर से प्रस्तावित नए प्रखंड के साथ कई शौचालयों का भी निर्माण होना है। महाविद्यालय छात्रसंघ के महामंत्री अंकित त्रिपाठी ने गुरुवार को ही प्राचार्य डॉ. अजयमोहन श्रीवास्तव को ज्ञापन सौंप स्वच्छता, पेयजल आदि के साथ शौचालय का संकट दूर करने की मांग की। छात्रसंघ महामंत्री ने ज्ञापन के माध्यम से चेतावनी दी कि महाविद्यालय प्रशासन ने यदि मांगों को शीघ्र पूरा न किया तो छात्रों को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। छात्रसंघ महामंत्री साइकिल स्टैंड के पास बने तीन शौचालय को निष्प्रयोज्य करार देते हैं। उनके अनुसार हकीकत यह है कि महाविद्यालय की छात्र-छात्राओं के लिए एक भी शौचालय नहीं है। रवि शर्मा, सत्यम गुप्त, कौशल मिश्र, अभिलाष पांडेय, गणेश मिश्र, शशांक पांडेय, विशाल वैश्य आदि भी छात्रसंघ महामंत्री के सुर में सुर मिलाते हैं और शौचालय संकट को इतने बड़े महाविद्यालय के लिए शर्मनाक बताते हैं। हालांकि शिक्षकों के लिए प्रत्येक विभाग में शौचालय निर्मित हैं।
-अन्य शिक्षण संस्थानों में भी हाल ठीक नहीं
शौचालय जैसी बुनियादी सुविधा का संकट रामनगरी के अन्य विद्यालयों में भी व्याप्त है। माध्यमिक शिक्षा के क्षितिज पर गौरवपूर्ण महाराजा इंटर कॉलेज भी इस विडंबना का अपवाद नहीं है। कहने को यहां आधा दर्जन से अधिक शौचालय हैं पर प्रयोग लायक एक भी नहीं। कटरा जूनियर हाईस्कूल में भी शौचालय के लाले हैं।