मासूमों के जीवन से खेल रहे 175 स्कूली वाहन
से खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रहे है। इसे परिवहन विभाग की सुस्ती कहें या फिर बच्चों के सुरक्षा का जिम्मा उठाने वाले विद्यालयों के प्रबंधकों की गैरजिम्मेदाराना हरकत। इन स्कूली वाहनों से गर कोई हादसा होता है कौन जिम्मेदार होगा। यह सवाल अपने बच्चों को स्कूल भेजने वाले अभिभावकों
अयोध्या : जिले के 175 स्कूली वाहन ऐसे हैं, जो मासूमों के जीवन से खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रहे हैं। इन स्कूली वाहनों के स्वामियों ने अभी तक परिवहन विभाग से फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं हासिल किया है। इसे परिवहन विभाग की सुस्ती कहें या फिर बच्चों के सुरक्षा का जिम्मा उठाने वाले विद्यालयों के प्रबंधकों की गैरजिम्मेदाराना हरकत। इन स्कूली वाहनों से गर कोई हादसा होता है तो कौन जिम्मेदार होगा? यह सवाल बच्चों को स्कूल भेजने वाले अभिभावकों को मथ रहा है।
स्कूल खुल गए हैं और बिना फिटनेस प्रमाणपत्र के स्कूली वाहन बच्चों को लाने और छोड़ने के लिए सड़क पर दौड़ने लगे हैं। जिले में कुल 1087 स्कूली वाहनों का परिवहन विभाग में पंजीकरण है। विभाग ने सभी वाहन स्वामियों को फिटनेस प्रमाणपत्र बनवाने के लिए नोटिस जारी किया था। दावा है कि 937 वाहनों का स्कूल खुलने से पहले परिवहन विभाग से फिटनेस प्रमाणपत्र हासिल किया, लेकिन 175 स्कूली वाहन ऐसे हैं, जिन्होंने नोटिस को गंभीरता से लेना मुनासिब नहीं समझा। अब जब स्कूल खुल गए है तो परिवहन विभाग भी हरकत में आ गया है। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रवर्तन नंदकुमार ने बताया कि इन वाहनों की सूची तैयार की गई है। जांच कराकर जल्द कार्रवाई की जाएगी।