14वें वित्त ने पकड़ा तूल, सीडीओ ने गठित की कमेटी
तीन सदस्यीय कमेटी करेगी धनराशि व्यय का परीक्षण डीपीआरओ पहले ही धन निकासी पर रोक लगा चुके हैं।
अयोध्या: 14 वें वित्त के प्रशासकीय व तकनीकी मद की धनराशि बीडीओ व एडीओ पंचायत के गले की फांस बनती जा रही है। यह वह धनराशि है जो ग्राम पंचायतों को 14वें वित्त की मिली धनराशि का छह फीसद ब्लॉक स्तर पर प्रशासकीय व तकनीकी मद के लिए दी जाती है। गाइड लाइन के अनुसार पंचायतीराज के विकेंद्रीकरण के तहत न्याय पंचायत स्तर पर संसाधन जुटाये जाने थे। न्याय पंचायत स्तर पर ऐसा न होने से गाइड लाइन के अनुसार खर्च न किए जाने पर सवाल उठे हैं। बीडीओ व एडीओ पंचायत का संयुक्त बैंक खाता होने के बावजूद मनमानी खर्च के आरोप लगते रहे।
सीडीओ प्रथमेश कुमार की तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित किए जाने से हड़कंप मचा है। तीन सदस्यीय कमेटी में जिला पंचायतराज अधिकारी, परियोजना अधिकारी डूडा यामिनी रंजन व कोषाधिकारी कु. मनप्रीत कौर शामिल हैं। जिला पंचायतराज अधिकारी सत्यप्रकाश सिंह पहले ही धन निकासी पर अग्रिम आदेश तक रोक लगा चुके हैं। मनमानी खर्च पर संपरीक्षा में आपत्ति न करने पर अब ऑडिटरों पर भी अंगुली उठ रही है। प्रति वर्ष क्षेत्र पंचायतों का ऑडिट होता है लेकिन आपत्ति न उठाने से अधिकारी हैरत में हैं।
क्षेत्र पंचायत का आंतरिक ऑडिट संयुक्त विकास आयुक्त कार्यालय भी कराता है। जेडीसी के वित्त एवं लेखाधिकारी गिरीश यादव के अनुसार वह ग्राम विकास की योजनाओं का ऑडिट कराते हैं। राज्य वित्त व 14वां वित्त का ऑडिट उनके क्षेत्राधिकार में नहीं है। राज्य वित्त व 14वां वित्त धनराशि का ऑडिट जिला लेखा परीक्षा अधिकारी सहकारी समितियां एवं पंचायतें के जिम्मे है। उप मुख्य लेख परीक्षा सहकारी समितियां एवं पंचायतें राजेश कुमार पांडेय के अनुसार 14 वें वित्त की धनराशि के खर्च का विवरण क्षेत्र पंचायत की तरफ से उपलब्ध नहीं कराया गया। इस और विशेष ध्यान दिया जा रहा है। ऑडिट में इसबार विशेष फोकस है। जिले में किसी भी ब्लॉक में एकल खाता संचालन का मामला नहीं है लेकिन गाइड लाइन से हट कर बीडीओ व एडीओ पंचायत पर मनमानी खर्च का आरोप लगते रहे।