पूर्वा संग आए बादलों ने कराई बारिश
फैजाबाद : शुक्रवार को सुबह से ही घने बादल छाए रहे और बारिश भी हुई। हालांकि अलग-अलग इलाकों में बारिश
फैजाबाद : शुक्रवार को सुबह से ही घने बादल छाए रहे और बारिश भी हुई। हालांकि अलग-अलग इलाकों में बारिश की मात्रा भी भिन्न-भिन्न रही। शहरी इलाकों में जहां 25 व सोहावल तहसील क्षेत्र में 54 मिलीमीटर तक बरसात हुई। वहीं कुमारगंज क्षेत्र में करीब 13 मिलीमीटर वर्षा ही हो सकी। बारिश के दौरान ही सिविल लाइंस स्थित एसएसपी आवास के निकट पेड़ धाराशायी हो गया। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक आगामी तीन अगस्त तक करीब 50 मिलीमीटर तक बारिश होगी।
इससे पहले बीती रात से ही तेज पूर्वा हवाओं के चलने का सिलसिला आरंभ हो गया था। इन हवाओं के साथ आए घने बादलों ने सुबह से ही बारिश कराना शुरू कर दिया। अच्छी बारिश से लोगों को उमस भरी गर्मी से भी राहत मिली है। दोपहर में एक बजे के करीब दोबारा घने बादल छाए अवश्य, लेकिन बारिश नहीं हो सकी। लोगों को सिर्फ बूंदाबांदी से ही संतोष करना पड़ा। इसके बाद अपराह्न ढाई बजे से हल्की धूप भी निकल आई। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक अगले तीन दिनों तक रोजाना हल्की बारिश होगी। शनिवार को भी हल्की बरसात होने की संभावना है। नरेंद्रदेव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार आगीम तीन अगस्त तक मध्यम स्तर तक के बादल छाए रहेंगे। विशेषज्ञों के अनुसार पूर्वा हवाएं चलीं तो अच्छी बारिश भी हो सकती है। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस रहा। यह सामान्य से दो डिग्री कम है। न्यूनतम 25 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। सापेक्षिक अधिकतम आर्द्रता 98 व न्यूनतम 85 फीसदी रही।
जलभराव से बाधित रहा यातायात
बारिश के बाद जगह-जगह हुए जलभराव से यातायात व्यवस्था चरमरा गई। सिविल लाइंस स्थित पुष्पराज चौराहे पर घुटनों तक पानी भर गया। इस वजह से आवागमन बाधित रहा। साथ ही सिविल लाइंस क्षेत्र में पेड़ गिरने की वजह से यातायात बाधित रहा। इसके साथ ही शहर के देवकाली चौराहे पर भारी जलभराव से लोग हलकान रहे। मुख्य मार्गों के अलावा शहर से सटे ग्रामीण इलाके भी जलभराव की चपेट में आ गए। उसरू, पहाड़गंज, जनौरा क्षेत्र में जलभराव की वजह से लोगों को खासी दिक्कतें झेलनी पड़ी। शहर में दिल्ली दरवाजा, राठ हवेली, तेली टोला, रेतिया, नवीन मंडी, बल्लाहाता, पुलिस लाइंस, रोडवेज परिसर, कचहरी समेत अन्य क्षेत्रों में जलभराव की वजह से लोगों को खासी परेशानी झेलनी पड़ी। वहीं सरकारी अधिकारियों के आवास भी जलभराव की चपेट में आ गए।