शिक्षक के तबादले से आग बबूला हुए ग्रामीण
सरकारी स्कूल के वरिष्ठ शिक्षक के तबादले के विरोध में ग्रामीणों ने स्कूल में ताला लटकाकर प्रदर्शन कर आदेश निरस्त करने की मांग की।
संवाद सहयोगी, जसवंतनगर : सरकारी स्कूल के वरिष्ठ शिक्षक के तबादले के विरोध में ग्रामीणों ने स्कूल में ताला लटकाकर प्रदर्शन कर आदेश निरस्त करने की मांग की।
ब्लाक क्षेत्र के ग्राम परसौआ में स्थित माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूल के प्रधानाचार्य पद पर तैनात शिक्षक रमेशचंद्र के तबादले के विरोध में परसौआ आदि गांव के अभिभावक व ग्रामीणों ने सोमवार को स्कूल के मुख्य गेट पर ताला डालकर प्रदर्शन कर आदेश निरस्त करने की मांग की। आक्रोशित ग्रामीणों ने मांग नहीं माने जाने पर सभी बच्चों के एक साथ टीसी निकलवाने की चेतावनी भी दी। स्कूल में पिछले 19 वर्षों से कार्यरत रमेशचंद्र के तबादले के विरोध में ग्रामीणों का आक्रोश उबाल खा गया। सोमवार को जहां तबादला निरस्त करने की मांग को लेकर जबरदस्त रोष जताया गया। स्कूल के पास पहुंचकर लोगो ने नारे लगाकर उक्त शिक्षक का तबादला जल्द से जल्द निरस्त करने की मांग की गई। प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों ने कहा कि जो शिक्षक अच्छा काम कर सरकारी स्कूलों का नामांकन व स्तर सुधार रहे हैं, उनका तबादला शिक्षा विभाग पहले कर रही है। ग्रामीणों ने विभाग पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर तबादला रद्द कर शिक्षक को वापस नहीं लाया गया तो वह अपने आंदोलन को जारी रखने को मजबूर होंगे। तालाबंदी की सूचना पर पुलिस एवं खंड शिक्षा अधिकारी राजेश कुमार चौधरी मौके पहुंचे। ग्रामीणों से बातचीत की इसके बाद ग्रामीणों को समझा-बुझाकर किसी तरह स्कूल खुलवाया और बच्चों को पढ़ाई के लिए कक्षा में बैठाया। इस बीच चौधरी ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया इस शिक्षक का स्थानांतरण शासन के स्तर पर हुआ है ऐसे में उनके हाथ में कुछ भी नहीं है लेकिन ग्रामीणों की बात शासन व अधिकारियों तक अवश्य पहुंचाएंगे। इसके बाद स्थानांतरित शिक्षक रमेश चंद्र अपने पुराने स्कूल में ही बदस्तूर पदस्थ कायम हैं। पूर्व माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक के रूप में रमेश चंद्र पिछले 19 वर्षों से लगातार तैनात रहे है, जिन्हें लगभग 1 माह पूर्व पूर्व माध्यमिक विद्यालय धनुआं के लिए स्थानांतरित किया गया है। इनके साथ-साथ क्षेत्र के कई अन्य शिक्षकों का भी स्थानांतरण किया गया था लेकिन स्थानांतरित किए गए यह शिक्षक अदालत की शरण में चले गए लेकिन न्यायालय से उन्हें कोई राहत नहीं मिली। इसी बीच शासन के निर्देश पर आज सोमवार को उन्हें अपने स्थानांतरण के स्कूल में अपनी आमद दर्ज करानी थी।