Move to Jagran APP

इटावा-मैनपुरी लाइन पर अंडर पास बने मुसीबत

बीपी सिंह यादव सैफई इटावा से मैनपुरी के लिए गई रेलवे लाइन पर गांवों के लिए निकले संपक

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Sep 2021 08:23 PM (IST)Updated: Wed, 15 Sep 2021 08:23 PM (IST)
इटावा-मैनपुरी लाइन पर अंडर पास बने मुसीबत
इटावा-मैनपुरी लाइन पर अंडर पास बने मुसीबत

बीपी सिंह यादव, सैफई इटावा से मैनपुरी के लिए गई रेलवे लाइन पर गांवों के लिए निकले संपर्क मार्गों पर रेलवे क्रासिग की बजाय अंडरपास बनाये जाने के बाद बरसात के दिनों में यह आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं। बरसात लगातार जारी रहने के बाद इनमें पानी भर जाता है और जल निकासी का कोई इंतजाम नहीं रहता है। जिससे लोगों को गंदे पानी से होकर ही निकलना पड़ता है। आये दिन इनमें वाहन फंसकर खराब होते रहते हैं। हालांकि रेलवे के निर्माण खंड के अफसरों ने इन अधोगामी पुलों को टीन शेड से कवर करा दिया है। लेकिन पानी भरवा फिर भी बंद नहीं हुआ। अधियापुरा गांव निवासी वृद्ध रामगोपाल यादव ने बताया कि पुल के नीचे का पानी हमेशा भरा रहता है। क्योंकि टिन शेडों को इस तरह से नहीं लगाया गया है कि बरसाती पानी न जाए, इसका खामियाजा जनता भुगत रही है। इसी तरह से हैंवरा कस्बे से हैंवरा गांव को गई सड़क के रेलवे लाइन क्रास करने के लिए बने अंडरपास की तस्वीर भी इसी तरह की है। उसमें से होकर छोटे-छोटे बच्चे बेटियां स्कूल में पढ़ने के लिए निकलती हैं और इसे टिन शेड से ढक तो दिया गया है लेकिन पानी निकालने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। ग्रामीणों ने रेलवे के खंड अफसरों से आग्रह किया है कि वे जनता की परेशानी को ध्यान में रखते हुए अंडरपास से पानी निकालने की समस्या का निदान करें। जिससे जनता को राहत मिल सके। रेल लाइन पर बनाए गए 30 अंडर पास इटावा-मैनपुरी रेल लाइन पर लोगों की सुविधा के लिए 30 अंडर पास बनाए जाने का निर्णय वर्ष 2016 में लिया गया था। रेलवे ने अंडर पास बनने के बाद रेलवे लाइन के किनारे बसे गांव के लोगों को आवागमन में काफी सहूलियत होने के बात कही थी। लेकिन हुआ इसका ठीक उल्टा। अंडरपास बनने से अंडरपास के अंदर बरसात का पानी भर जाता है जिससे वहां ग्रामीणों को आवागमन में बड़ी समस्या से जूझना पड़ता है। इटावा से मैनपुरी की दूरी लगभग 56 किमी है। इस 56 किमी की दूरी में इटावा जिला मुख्यालय से शुरू होकर बिजपुरी खेड़ा, अधियापुर, रजमऊ, बैदपुरा, काठीहार, नगला रेउंजा, नगला अनिया, हैंवरा, नगला सेऊ, मुचेहरा सहित कुल 30 क्रॉसिग हैं जिन पर अंडरपास बने हैं। कंट्रोल रूम के नंबर लिख दिए पर रिसीब नहीं होते रेलवे के अंडरपास पुलों के अंदर रेलवे विभाग द्वारा पानी भरने की समस्या को लेकर इंजीनियरों के कंट्रोल नंबर लिख दिए गए हैं लेकिन सच्चाई यह है एक भी इंजीनियर जल निकासी के लिए आने की तो छोड़ो फोन ही नहीं उठाता है।

loksabha election banner

ग्रामीण बोले पूरी साल निकलना पड़ता है पानी के बीच से

ग्राम काठीहार निवासी रामखिलाड़ी कहते हैं बरसात थोड़ी भी हो जाती है तो यहां पानी भर जाता है, पूरी साल साइकिल और मोटरसाइकिल या अन्य किसी वाहन से निकलना होगा तो पानी के अंदर से ही निकलते हैं। बड़ी समस्या से जूझ रहे हैं, अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे। छोटे-छोटे बच्चे स्कूल जाते हैं तो रेलवे ट्रक के ऊपर से ही मजबूरन गुजरना पड़ता है।

वर्षों से जूझ रहे हैं समस्या से हैंवरा गांव निवासी महाराज सिंह कहते हैं डेंगू का प्रकोप चल रहा है अंडर पुल के नीचे पानी भरा रहता है, मच्छर बीमारियों को दावत दे रहे हैं, सभी ग्रामीण इसी रास्ते से मजबूरन जाते हैं जो बीमारी के शिकार हो रहे हैं। कई वर्षों से इसी तरह से जूझ रहे हैं कोई भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहा है। नहीं लगता लिखा हुआ नंबर ग्राम नगला सेऊ निवासी बबलू यादव कहते हैं रेलवे विभाग द्वारा जो पानी भरने पर कंट्रोल रूम के नंबर लिखे गए हैं वह नंबर कभी लगते नहीं अगर लग भी जाएंगे तो कॉल रिसीव नहीं होती है न ही कोई अधिकारी चेक करने आता है। ग्रामीणों के बना अंडरपास हो गया है दुखदाई ग्राम नगला अनिया निवासी जगराम आचार कहते हैं रेलवे विभाग पूरी तरह से अनदेखा कर रहा है। ग्रामीणों की सहूलियत के लिए बनाए गए अंडरपास आज सबसे बड़े दुखदाई हो रहे हैं। आए दिन पानी भरा रहता है जिससे कई बार गांव के बच्चे चोटिल भी हो गए हैं। हम मांग करते हैं अधिकारियों से जल्द ही समस्या का निदान कराया जाए।

अंडरपास में पानी भरने की समस्या सामने आई है। तात्कालिक राहत के तौर पर पंप से पानी निकालने के निर्देश दिए गए हैं। रेलवे जल्द ही पानी निकासी के लिए कोई योजना बनाएगा। अभी फैसला नहीं हुआ है। वरिष्ठ निर्माण खंड अभियंता को मामले की जानकारी दी जा रही है। अमित कुमार सिंह जनसंपर्क अधिकारी उत्तर मध्य रेलवे


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.