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अभी भी अधूरी हैं गोशालाएं,फसल चौपट कर रहे गोवंश

संवाद सूत्र बकेवर आवारा गोवंश से किसानों को हो रहे नुकसान को बचाने के लिये योगी सरकार

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Mar 2019 10:00 PM (IST)Updated: Tue, 12 Mar 2019 10:00 PM (IST)
अभी भी अधूरी हैं गोशालाएं,फसल चौपट कर रहे गोवंश
अभी भी अधूरी हैं गोशालाएं,फसल चौपट कर रहे गोवंश

संवाद सूत्र, बकेवर: आवारा गोवंश से किसानों को हो रहे नुकसान को बचाने के लिये योगी सरकार द्वारा चलाई गई गोशाला के निर्माण की योजना को ग्राम प्रधान व अधिकारी मिलकर पलीता लगा रहे हैं। कहीं गोशालाओं के निर्माण अधूरे हैं तो कहीं बनी गोशालाओं में जानवर नही भेजे जा रहे। गोशालाओं में पशुओं के लिए चारा आदि की भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है। आवारा गायों-सांड़ों से फसल बचाने के लिये किसान दिन रात जाग रहा है।

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पहले चरण में जनपद की 52 ग्राम पंचायतों में 52 गोशालाओं को खोलने की तैयारी थी। दिसंबर महीने के अंतिम सप्ताह में निर्माण कार्य शुरू भी हो गया था। भरथना तहसील में दस ग्राम पंचायतों में दस गोशालाओं का निर्माण कार्य शुरू हो गया। जिसमें 5 महेवा ब्लॉक व 5 भरथना ब्लॉक में थीं। उसके एक सप्ताह बाद ही महेवा ब्लॉक में और 14 ग्राम पंचायतों में 14 नई गोशालाओं के निर्माण के लिए चयन कर निर्माण कार्य जनवरी के प्रथम सप्ताह में अधिकारियों के द्वारा शुरू करा दिया गया। बकेवर देहात से करीब 6 किमी दूर बकेवर कस्बे के पार नगला खादर के पास बनी गोशाला का निर्माण पूरा हो गया,लेकिन गोशाला में न तो भूसा चारे की कोई व्यवस्था की गई। इस गोशाला के निर्माण के दौरान क्षेत्र के किसानों ने करीब तीन सौ आवारा गायें लाकर बंद कर दी थी। चारा पानी न मिलने से इनमें से कुछ जानवरों की हालत खराब हुई तो कुछ जिम्मेदार लोगों ने रात्रि में उक्त गोशाला का ताला तोड़कर सभी जानवरों को भगा दिया।

ग्राम पिलखना की गौशाला का निर्माण पूरा हो गया तीन दिन पूर्व गोशाला में करीब 50 गोवंश बंद किए गए थे जिनको अब पर्याप्त चारा-पानी नही है। वही ग्राम लड़ैयापुर की गोशाला में टीन शेड नही पड़ा है भूसा चारे की भी व्यवस्था नही है। प्रधान ने बताया कि निर्माण कार्य चल रहा है टीनशेड एक दो दिन में पड़ जाएगा। गोशालाओं में व्यवस्था न होने से आवारा गाय व सांड़ों को नही रखा जा पा रहा है।

उधर किसान आवारा गायों सांड़ों से परेशान हैं। आवारा गायों सांड़ों से फसलों की सुरक्षा के लिए दिन रात पहरा दे रहे है। हालात ये है कि गांव के लोग आवारा गायों सांड़ों के झुंड को दूसरे गांव में खदेड़ देते है। दूसरे गांव के लोग तीसरे गांव में अगले दिन फिर झुंड आ जाता है। चारे की महंगाई ने बजट बिगाड़ा प्रशासन द्वारा गोशालाओं में प्रत्येक जानवर के लिए प्रतिदिन चारा पानी के लिए 30 रुपये दिए जा रहे हैं, जबकि इस समय भूसा 1300 से 1500 रुपये प्रति क्विटल बिक रहा है। बाजरा की करब की पुरी 100 रुपये से 120 रुपये तक बिक रही है। नया भूसा आने में अभी करीब एक से डेढ़ माह का समय लग जाएगा।

जो गोशालाएं बन चुकी हैं उनमें किसान आवारा जानवरों को पकड़कर भेज सकते हैं। आवारा जानवरों को गोशालाओं में भेजा जा रहा है। प्रधानों व ग्राम पंचायत अधिकारियों को इस बाबत कड़े निर्देश दिए गए हैं। एनपी मौर्या, उपजिलाधिकारी भरथना


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