शिवपाल यादव का केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ हल्ला बोल शीघ्र
सपा नेता शिवपाल यादव जल्द ही केंद्र व राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ नौजवानों व आम जन के साथ हल्ला बोलेंगे और प्रदेश भर में यात्रा करेंगे।
इटावा (जेएनएन)। सपा नेता शिवपाल यादव ने कहा कि लाखों लोगों के बलिदान से मिली आजादी के बाद आज सरकार की नीतियों की वजह से बड़ा सवाल खड़ा है। किसका और कैसा विकास हो रहा है? गरीब मजलूम, किसान, नौजवानों के साथ ही लघु व मंझोले व्यवसायी संकट में हैं। भ्रष्टाचार कई गुना बढ़ चुका है। वह जल्द ही केंद्र व राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ नौजवानों व आम जन के साथ हल्ला बोलेंगे और प्रदेश भर में यात्रा करेंगे। उल्लेखनीय है कि इन शिवपाल सिंह यादव के साथ समाजवादी पार्टी का मजबूत संगठन होने के साथ ही युवा समर्थकों का एक प्रदेशव्यापी संगठन शिवपाल फैंस एसोशिएशन भी है।
मैं जश्न कैसे मना सकता हूं
72 वें स्वतंत्रता दिवस पर तकिया चौराहे से 18 वीं श्रद्धांजलि यात्रा को रवाना करते हुए पूर्व लोक निर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि जब आजादी मिली थी तो महात्मा गांधी बहुत दूर नोआखाली के दंगों को शांत करने में लगे थे, वे आजादी के जश्न में शामिल नहीं हुए। उन्होंने कहा था कि जब तक किसी के आंखों में आंसू हो मैं जश्न कैसे मना सकता हूं। शिवपाल कहा कि केंद्र सरकार ने अपना कोई भी वादा पूरा नहीं किया। दो करोड़ रोजगार देने का वादा करने वाले प्रधानमंत्री मोदी रोजगार सहित तमाम वादों को पूरा करने में विफल रहे हैं। युवाओं में निराशा है। उन्होंने सपा कार्यकर्ताओं को सलाह दी कि विपक्ष में रहते सरकार की नीतियों के खिलाफ उनका स्वर मुखर व सशक्त रहे।
ध्वजारोहण और पौधरोपण
शिवपाल ने चौधरी चरण सिंह पीजी कॉलेज, हैंवरा, डिस्ट्रिक्ट कोआपरेटिव बैंक सहित विभिन्न संस्थानों पर ध्वजारोहण व पौधरोपण किया। इस अवसर पर पूर्व मंत्री रामसेवक यादव, पूर्व सपा जिलाध्यक्ष सुनील यादव, पूर्व विधायक व पूर्व सांसद रघुराज सिंह शाक्य, पूर्व विधायक सुखदेवी वर्मा, जिला पंचायत सदस्य बबलू यादव, ब्लॉक प्रमुख मोंटी यादव, कृष्ण मुरारी गुप्ता, संजय शुक्ला, धर्मवीर सिंह यादव बिट्टू, आशीष राजपूत, ब्लॉक प्रमुख हरिओम यादव थे।
जानें सपा के हल्ला बोल का इतिहास
वैसे तो हल्ला बोल का तात्पर्य अपनी आवाज बुलंद करना है। समय समय पर जनता और विपक्षी राजनीतिक दल इस तरह की आवाज उठाते आए हैं लेकिन समाजवादी पार्टी ने अपने अस्तित्व में आने के बाद 1994 में सबसे पहले इसका इस्तेमाल उत्तर भारत के दो समाचार पत्रों के खिलाफ किया था। अब सपा के एक नेता ने हल्ला बोल का आह्वान किया है। वह इसके लिए यूपी और केंद्र सरकार के कारनामों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने जा रहे हैं।