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रवींद्र ने 50 बीघा ऊसर जमीन में लहलहा दी फसल

जागरण संवाददाता, इटावा : इटावा के रवींद ¨सह की माली हालत ठीक नहीं थी, रविन्द्र एक गरीब ि

By JagranEdited By: Published: Sun, 06 Jan 2019 10:46 PM (IST)Updated: Sun, 06 Jan 2019 10:46 PM (IST)
रवींद्र ने 50 बीघा ऊसर जमीन में लहलहा दी फसल
रवींद्र ने 50 बीघा ऊसर जमीन में लहलहा दी फसल

जागरण संवाददाता, इटावा : इटावा के रवींद ¨सह की माली हालत ठीक नहीं थी, रविन्द्र एक गरीब किसान थे, उनको अपना परिवार का भरण पोषण करने में दिक्कत होती थी। इनके पास ऊसर लगभग 50 बीघा जमीन थी जो कि बिल्कुल बंजर थी, हमेशा परेशान रहते थे। एक बार आधुनिक खेती और तकनीक के द्वारा कृषि का पता चला तभी कृषि विभाग में जाकर संपर्क किया। वहां से उन्होंने एक लेजर लैंड लेब्लर अनुदान पर खरीदा तब से तकदीर बदल गई। उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से दो वर्ष में ऊसर भूमि को उपजाऊ कर लिया। अपनी भूमि पर लगातार इस लेजर लेब्लर को चलाने से पैदावार अच्छी होने लगी। अपनी इस मशीन का प्रयोग जब गांव के किसानों की जमीन पर किया तो तकदीर ही बदल गई। अब वो अपनी इस मशीन से लगभग एक महीने में 60,000 से 80,000 रुपया तक प्रतिमाह कमाने लगे हैं। परिवार की तस्वीर ही बदल गई है।

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रवींद की जब से माली हालत बदली है तभी से गांव के किसानों को प्रेरित करने लगे हैं। उनका कहना है कि पहले समझ में नही आता था कि कैसे अपने हालातों को बदलें, दूसरों को देखकर कभी बाहर नौकरी करने का मन बनाया तो इस अवस्था में नौकरी भी न कर सके। बच्चों को पालने व उनकी शिक्षा को लेकर ¨चताग्रस्त कर दिया था। मन बहुत व्यथित रहता था। एक बार सरकार की योजनाओं को जानने के लिए कृषि विभाग के कार्यालय पर आए और

अधिकारियों से संपर्क करके जानकारी ली। विभाग से लैंड लेब्लर की जानकारी को प्राप्त करके हिम्मत कर उसको विभाग के माध्यम से खरीदा। उसके बाद से अधिकारियों के मार्गदर्शन से सबसे पहले अपनी ऊसर भूमि को उपजाऊ बनाया। अब लगातार अपनी खेती को लैंड लेब्लर से सही करते रहते हैं। जिससे अब अच्छी पैदावार हो रही है। अपनी उपजाऊ जमीन में आलू, अरबी, गेंहू, धान और भी कई सब्जियों को पैदाकर अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार कर लिया है। अपनी हालत में सुधार के बाद अब आधुनिक कृषि व जैविक कृषि की ओर ध्यान देकर किसानों को प्रेरित कर रहे हैं।

कृषि निदेशक एके ¨सह का कहना है कि प्रत्येक किसान को सरकार की योजनाओं का लाभ लेकर खेती करने से अधिक लाभ होता है। प्रत्येक किसान अपनी कृषि भूमि में सुधार करते हुए आधुनिक जानकारी समय-समय पर कार्यालय में आकर करते रहना चाहिए। जिससे कि रवींद की तरह से लोग अपनी आमदनी बढ़ाकर अपनी स्थिति मजबूत कर सके।


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