श्री राम मंदिर की खुशी में दफन हो गईं जेल की यातनाएं
जागरण संवाददाता इटावा राम मंदिर आंदोलन में जमकर बबाल हुआ। उत्साही युवाओं को जेल की
जागरण संवाददाता, इटावा : राम मंदिर आंदोलन में जमकर बबाल हुआ। उत्साही युवाओं को जेल की सलाखों के अंदर डाल दिया गया, लेकिन जो कट्टर आंदोलन कारी थे उन पर एनएसए यानी राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम लगाकर जेल में भी जमकर उत्पीड़न कराया गया। आज 30 साल के लंबे अंतराल के बाद ही राममंदिर की नींव रखी जा रही है जो सबसे बड़ी खुशी की बात है। इस खुशी ने जेल में मिली यातनाओं को दफन कर दिया। यह कहना है भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व एमएलसी अशोक दुबे का। जो अशोक नगर स्थित अपने आवास पर बीमार होने के बाद भी राम मंदिर के सपनों को पूरा होते देख खुशी से झूम उठे हैं।
70 वर्षीय पूर्व एमएलसी अशोक दुबे का कहना है कि वह अपने साथियों सहित 1991 में जब कलश यात्रा निकाल रहे थे। उसी दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने उनको जेल में बंद करा दिया। उन पर एनएसए लगाकर एकांत कोठरी में डलवा दिया। फिर पुलिस ने जो उत्पीड़न किया बयां नहीं कर सकता हूं। उसी समय का विस चुनाव जेल में रहकर ही लड़ा था और विजयी भी हुआ। राममंदिर आंदोलन से जुड़ा होने के कारण 1997 में उनको एमएलसी बना दिया गया।
उनका कहना है कि 30 साल पहले देखा राम मंदिर का सपना अब पूरा हो रहा है। इस दिन हमलोग घी के दीपक जलाकर दीपावली मनाएंगे। आतिशबाजी का प्रदर्शन करेंगे, गरीबों की मदद करेंगे। इस खुशी को उम्र भर नहीं भुला पाऊंगा। सारे गम राम मंदिर की खुशी ने दूर कर दिए।