आलू-प्याज से व्यापारियों को लाभ,किसान परेशान
हसंवादसूत्र बकेवर लॉकडाउन के दौरान सबसे अहम सब्जी आलू व प्याज है। मंडी हरी सब्जियों का थोक भाव किसानों को लागत भी नहीं दिला पा रहा है। दूसरी ओर आलू और प्याज व्यापारियों को भरपूर मुनाफा दिला रहा है। ओलावृष्टि व बारिश के चलते 25 से 30 फीसद तक आलू की फसल बर्बाद हो गई थी। इससे अधिकांश किसानों ने आलू व्यापारियों को बेच दिया था। व विभिन्न प्रजातियों के आलू की कीमत मंडी में अलग-अलग है।
संवादसूत्र, बकेवर : लॉकडाउन के दौरान सबसे अहम सब्जी आलू व प्याज है। मंडी हरी सब्जियों का थोक भाव किसानों को लागत भी नहीं दिला पा रहा है। दूसरी ओर आलू और प्याज व्यापारियों को भरपूर मुनाफा दिला रहा है। ओलावृष्टि व बारिश के चलते 25 से 30 फीसद तक आलू की फसल बर्बाद हो गई थी। इससे अधिकांश किसानों ने आलू व्यापारियों को बेच दिया था। व विभिन्न प्रजातियों के आलू की कीमत मंडी में अलग-अलग है। बुधवार को लखना मंडी में आलू के आढ़तिया शहजाद ने बताया कि चिपसोना आलू 17 से 18 सौ रुपये प्रति क्विटल, सामान्य सफेद आलू 15 से 16 सौ रुपये, लाल पहाड़ी 15 सौ रुपये व सामान्य लाल आलू 14 सौ रुपये क्विटल कोल्ड स्टोर से निकाला जा रहा है। सामान्य आलू की फुटकर बिक्री 18 से 20 रुपये व चिपसोना और लाल पहाड़ी की 22 से 25 रुपये प्रति किलो की दर से बेचा जा रहा है। आढ़तिया अशोक ने बताया कि मध्य प्रदेश से ज्यादातार प्याज आ रहा है। मंडी में थोक भाव आठ सौ रुपये से एक हजार रुपये क्विटल है जबकि बाजार में 15 सौ से 18 सौ रुपये प्रति क्विटल बेचा जा रहा है। हरी सब्जियों में लागत निकालनी मुश्किल आढ़तिया गोविद प्रसाद कुशवाहा गुरु के यहां क्षेत्रीय सब्जी उत्पादक किसानों से करेला 8 रुपये किलो, तोरई 8 से 10 रुपये व लौकी 100 रुपये की करीब 40 किलो की गठरी खरीदी गई। मड़ौली के दशरथ व राजेंद्र सहित कई किसानों ने बताया कि हरी सब्जियों की लागत तक वसूल नहीं हो पा रही है।