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मृत सात पक्षियों का पोस्टमार्टम,कीटनाशक देने की आशंका

संवाद सूत्र ऊसराहार सरसईनावर झील का एसडीएम ने निरीक्षण किया। सिघाड़ा की खेती कर

By JagranEdited By: Published: Tue, 08 Dec 2020 06:03 PM (IST)Updated: Tue, 08 Dec 2020 07:21 PM (IST)
मृत सात पक्षियों का पोस्टमार्टम,कीटनाशक देने की आशंका
मृत सात पक्षियों का पोस्टमार्टम,कीटनाशक देने की आशंका

संवाद सूत्र, ऊसराहार : सरसईनावर झील का एसडीएम ने निरीक्षण किया। सिघाड़ा की खेती करने वाले किसानों को पानी में कीटनाशक दवाएं न मिलाने की चेतावनी दी है। वही झील में मृत पाए गए पक्षियों मे सात पक्षियों का पोस्टमार्टम कराया गया है। मंगलवार को सरसईनावर झील का उपजिलाधिकारी ताखा सत्यप्रकाश ने निरीक्षण किया। कुछ ग्रामीणों ने झील के आसपास होने वाली सिघाड़े की खेती करने वाले किसानों द्वारा सिघाड़े की सुरक्षा में जिन खेतों में पानी भरकर खेती की जाती है उसमें कीटनाशक दवाएं मिलाने की बात भी कही। बताया जाता है देश और विदेश से आने वाले पक्षी झील के आसपास खेतों में भी विचरण करने चले जाते हैं। हो सकता है इन्ही खेतों में कीटनाशक दवाएं डाली गई हों जिन्हें खाकर पक्षी बेहोश होकर मर गए हो। एसडीएम ने खेती करने वाले किसानों को कीटनाशक दवाएं न डालने की सख्त चेतावनी देते हुए कहा जिन किसानों ने खेतों में सिघाड़े की फसल की है वह खेतों पर स्वयं मौजूद रहकर रखवाली करें। झील से आने वाले पक्षियों को वापस झील में भेज दें। एसडीएम ने बताया इस समय भारी संख्या में विदेशी पक्षियों का सरसईनावर में आगमन हो गया है। उनकी चहलकदमी से पूरे झील मे पक्षी कलरब कर रहे हैं, झील का पानी भी सही लग रहा है। आसपास में सिघाड़े की खेती करने वाले किसानों को अपने खेतों पर रहकर रखवाली करने के निर्देश दिए गए हैं। सोमवार को भारी संख्या में मृत मिले पक्षियों में सात पक्षियों का पोस्टमार्टम कराया गया है। वन विभाग के रेंजर प्रबल प्रताप सिंह ने बताया सात पक्षियों का पोस्टमार्टम किया गया है। रिपोर्ट बुधवार को आने की उम्मीद है। जिसके बाद ही मौत का कारण स्पष्ट होगा, लेकिन झील के आसपास सिघाड़े की खेती करने वाले ही अपने तालाबों में कीटनाशक दवाएं डालते हैं और जो पक्षी मृत पाए गए हैं यह सिघाड़े खाने के शौकीन होते हैं। अनुमान यह भी है कि शायद उन पक्षियों ने कीटनाशक दवाओं से युक्त सिघाड़े या पानी का प्रयोग किया होगा जिससे वह बेहोश हो गए और बाद में उनकी मौत हो गई। झील क्षेत्र के आसपास आखिर कैसे हो गए पट्टे झील का निरीक्षण करने के दौरान बगल के ही खेतों में तालाब बनाकर सिघाड़े की खेती देख एसडीएम हेम सिंह का माथा ठनक गया। उन्होंने कहा आखिर झील क्षेत्र में पट्टा किस आधार पर कर दिए गए हैं। मौके पर मौजूद जनहित कल्याण समिति के अध्यक्ष तिलक सिंह शाक्य ने बताया सुप्रीमकोर्ट का साफ आदेश है झील के आसपास पट्टे किए गए तो उन्हें निरस्त कर दिया जाए। सरसईनावर झील में 100 बीघा से अधिक जमीन पर फर्जी पट्टे हैं जिसकी वह शिकायत भी कर चुके हैं लगातार अवैध कब्जों के चलते झील सिकुड़ती चली जा रही है। एसडीएम ने पत्रावली तलब कर जांच का आश्वासन दिया है।

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