पांच दिन बाद खुले एआरटीओ कार्यालय में भटके लोग
जागरण संवाददाता, इटावा : पिछले रविवार को एसएसपी वैभव कृष्ण द्वारा एआरटीओ कार्यालय में मार
जागरण संवाददाता, इटावा : पिछले रविवार को एसएसपी वैभव कृष्ण द्वारा एआरटीओ कार्यालय में मारे गए छापे के बाद से पिछले पांच दिन से बंद चल रहा कार्यालय शनिवार को खुला। यात्री कर अधिकारी अर¨वद कुमार जैसल ने अपनी देखरेख में कार्यालय को खुलवाया। पांच लिपिकों ने कार्यालय के कामकाज को संभाला, परंतु अपने काम के लिए लोगों को इधर उधर भटकना पड़ा। हालांकि आरटीओ कानपुर प्रवर्तन राकेश कुमार ¨सह भी कुछ देर के लिए कार्यालय में बैठे और लोगों की समस्याओं का समाधान किया।
कार्यालय के अंदर के चैनल को बंद कर दिया गया है। जहां पर दलालों का प्रवेश बाबुओं के पास होता रहता था। यही नहीं पूछताछ कार्यालय पर कार्यालय में आने वाले लोगों को सारी जानकारी दी जा रही है। लिपिक मुकेश कुमार अग्रवाल, पूरन चौहान सहित पांच लिपिक अपनी-अपनी कुर्सियों पर बैठे। हालांकि बेबी उरूसा के काम को आज भी किसी ने नहीं देखा। बेबी के पास परमिट से लेकर गाड़ियों का चालान व रिलीज का काम था। आरटीओ राकेश कुमार ¨सह ने बताया कि पहले दिन सामान्य तौर पर काम काज शुरू करा दिया गया है। शनिवार होने के कारण एक-दो लिपिक अवकाश पर हैं, सोमवार से इनकी संख्या और बढ़ जाएगी। बेबी के काम को अभी किसी दूसरे लिपिक को नहीं दिया गया है। जल्द ही इसका भी बंटवारा कर दिया जाएगा।
डिप्टी कमिश्नर भी जायजा लेने पहुंचे
दोपहर को डिप्टी कमिश्नर चुन्नी लाल प्रजापति कार्यालय का जायजा लेने पहुंचे। हालांकि परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव ¨सह के आगमन को लेकर विभाग के लोग काफी सतर्क थे। विभाग की मंत्री से कोई शिकायत न हो इसको ध्यान में रखते हुए सारे कामकाज सुचारु रूप से निपटाये जा रहे थे। चुन्नी लाल प्रजापति अपने साथ कानपुर के यात्री कर अधिकारी रमेश चंद्र श्रीवास्तव को लेकर पहुंचे, वे भी लोगों के कामकाज देखेंगे।
बेबी को धन देने वाले अब हो रहे परेशान
कार्यालय की लिपिक व पुलिस की गिरफ्त से अभी तक बाहर बेबी उरूसा को धन देने वाले लोग अब परेशान हो रहे हैं। आरटीओ राकेश कुमार ¨सह के समक्ष राजा रिपुदमन ¨सह के नाम नई कार के रजिस्ट्रेशन के लिए 4 लाख 67 लाख रुपये देने का मामला सामने आया। वहीं विवेक यादव ने शिकायत की कि उन्होंने भी रेंज रोवर कार के रजिस्ट्रेशन के लिए बेबी को 4 लाख 67 हजार रुपया दिया था। भरथना के महिपाल ¨सह का कहना था कि ग्रांड आइ-10 कार के रजिस्ट्रेशन के 70 हजार रुपये बेबी को दिए थे। यह धन 28 फरवरी को दिया गया था। पल्लवी विश्वनोई की समस्या थी कि उन्होंने स्थायी ड्राइ¨वग लाइसेंस के लिए ऑन लाइन फीस जमा कर दी थी। जिसका समय 22 मार्च को समाप्त हो गया। अब वे क्या करें।
एक ट्रक मालिक इस बात से परेशान थे कि एआरटीओ मोहम्मद अजीम ने उनके ट्रक का चालान कर दिया और उन्हें कोई पर्ची नहीं दी। उन्हें कांटा पर्ची भी नहीं दी गई। अब उनकी गाड़ी एक सप्ताह से उदी चौकी पर खड़ी है। आरटीओ राकेश ¨सह ने बताया कि जिन लोगों ने धन बेबी को दिया है और उनका कंप्यूटर में दर्ज हो गया है तो उसमें तो कोई दिक्कत नहीं है लेकिन अगर कंप्यूटर में दर्ज नहीं है तो फिर परेशानी होगी। जिन लोगों की तारीखें निकल गई हैं ऐसे मामलों में लखनऊ से बात कर इस संबंध में क्या किया जा सकता है, आगे कार्रवाई होगी।
कार्यालय में घूम रहे गुड्डा के गुर्गे
शनिवार को एआरटीओ कार्यालय के आसपास दलाल दिखाई तो नहीं दिए अलबत्ता कुछ दलाल दूर से तमाशा देखते जरूर नजर आए। आरटीओ राकेश ¨सह के एलान के बाद दलाल शनिवार को कार्यालय पर नहीं दिखाई दिए। हालांकि गुड्डा बाबू के साथ रहने वाले कुछ लोग कार्यालय के अंदर घूमते जरूर देखे गए।