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नौकरी की आस में गुजर गई जवानी, शैक्षिक प्रमाण पत्र भी नहीं लौटाए

इटावा जेएनएन। एक युवक की जवानी सरकारी नौकरी पाने की आस में ही गुजर गई। इस दौरान नौकरी पाने

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Jan 2021 06:42 PM (IST)Updated: Tue, 12 Jan 2021 06:42 PM (IST)
नौकरी की आस में गुजर गई जवानी, शैक्षिक प्रमाण पत्र भी नहीं लौटाए
नौकरी की आस में गुजर गई जवानी, शैक्षिक प्रमाण पत्र भी नहीं लौटाए

इटावा जेएनएन। एक युवक की जवानी सरकारी नौकरी पाने की आस में ही गुजर गई। इस दौरान नौकरी पाने की भागदौड़ में युवक के घर की जमापूजी भी खर्च हो गई। हाईकोर्ट ने भी नौकरी देने के आदेश दिये लेकिन अधिकारियों ने कोर्ट की भी नहीं सुनी। नतीजा यह कि अब फांके की हालत में पहुंच गया यह व्यक्ति अब लोगों से कहने लगा है कि अब तो बस आत्महत्या करने का विचार ही मन में रह रहकर आने लगा है। उसने नौकरी के लिये कई वर्ष तक धोखे में रखने वाले डाक विभाग के जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की गुजारिश की है।

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शहर के मोहल्ला स्वरूप नगर के अजीज उद्दीन डाक विभाग के आरएमएस में छटाई सहायक के पद पर तैनात थे। 29 दिसंबर 1996 को दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। परिवार में आठ सदस्य होने से परेशानियों का पहाड़ सा टूट पड़ा। उस समय विभाग के उच्चाधिकारियों ने अजीजुद्दीन के करीब 24 वर्षीय पुत्र आदिल अली को जल्द ही मृतक आश्रित के तहत नौकरी लगवाने का आश्वासन दिया। नौकरी की आस में आदिल अधिकारियों के पास चक्कर लगाता रहा। आदिल का कहना है कि विभागीय भ्रष्टाचार के चलते नौकरी अन्य को देकर ट्रेनिग पर भेज दिया। इसके बाद उसने अदालत की शरण ली और वर्ष 2004, 2007 तथा वर्ष 2013 में हाईकोर्ट इलाहाबाद ने चार माह के अंदर ज्वाइन कराने का आदेश किया परंतु आदेश का पालन नहीं किया गया। हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना करने की अपील की लेकिन धनाभाव के कारण इस मुकदमा की पैरवी नहीं कर सका। अब परिवार सहित पैसे-पैसे को मोहताज है। प्रधानमंत्री हमारी व्यथा पर तवज्जो देकर नौकरी दिलाएं तथा इस मामले की जांच कराकर भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों को सजा दिलाएं ताकि भविष्य में किसी मृतक आश्रित की दयनीय दशा न हो।

शैक्षिक प्रमाण पत्र भी जमा करा लिये

आबिद अली का कहना है कि नौकरी जल्द मिलने की बात कहकर डाक विभाग के अधिकारियों ने उसके शैक्षिक प्रमाण पत्र भी जमा करा लिये इसके बाद यह प्रमाण पत्र वापस नहीं किये गये जिसके चलते वह दूसरे स्थान पर नौकरी के लिये आवेदन भी नहीं कर सका।


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