पापा घाम बहुत तीखी है, पैदल नहीं चला जा रहा
बिहार में मजदूरी करके लॉकडाउन के कारण पैदल गांव लौट रहे झांसी के गांव माठ को जाने वाले परिवार जब नुमाइश पंडाल की ओर जा रहे थे।
जागरण संवाददाता, इटावा : बिहार में मजदूरी करके लॉकडाउन के कारण पैदल गांव लौट रहे झांसी के गांव माठ को जाने वाले परिवार जब नुमाइश पंडाल की ओर जा रहे थे। उस दौरान रामजनम की बच्ची निशा बोली की पापा घाम बहुत तेज है अब तो पैदल नहीं चला जा रहा है। भूख से भी पांव नहीं उठ रहे हैं। बच्ची की यह पीड़ा सुनकर रामजनम की पत्नी राखी की आंखें गीली हो गईं उसने एक मीडिया कर्मी से पंडाल की राह पूछी और बच्ची को खाने के सपने दिखाकर आगे को चल दी। काम-काज छोड़कर गांव की ओर जाने वाले रामजनम व उसकी पत्नी राखी ने बताया कि मेहनत मजदूरी करके गृहस्थी अच्छी चल रही थी। लॉकडाउन लगते ही फांके की नौबत आ गई। इसी लिए बच्चों की खातिर गांव लौटना पड़ा। जो जमा पूंजी थी रास्ते में खर्च हो गई, अब तो प्रशासन का ही सहारा बचा है। बच्चों का बुरा हाल है, उसके साथ उसके छोटे भाई राम खिलाड़ी का भी परिवार था। नुमाइश पंडाल पहुंचकर तथा पानी पीकर ठंडक महसूस की, फिर रजिस्ट्रेशन काउंटर पर नाम दर्ज कराके भोजन मांगा। प्रशासन ने उसे व उसके बच्चों को भोजन दिया इस तरह उसके बच्चे भी शांत हो गए। इसी तरह अनेक प्रांत से लौटने वाले प्रवासियों का पंडाल में जमावड़ा रहा। प्रशासन लाउडस्पीकर से एनाउंस करके प्रवासियों को जागरुक करता रहा। तहसीलदार सदर एन राम ने बताया कि शनिवार को 12 बसों से 600 प्रवासी गंतव्य को भेजे गए।