नये अध्यादेश संशोधन किसानों के लिए हितकर नहीं
जासं इटावा उप्र किसान सभा ने हाल ही में लाए गए दो अध्यादेश व आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन
जासं, इटावा : उप्र किसान सभा ने हाल ही में लाए गए दो अध्यादेश व आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन की कड़ी निदा की है। सरकार से इन्हें वापस लेने की भी पुरजोर मांग की है।
किसान सभा के महामंत्री मुकुट सिंह ने शनिवार को बताया कि ये नये अध्यादेश संशोधन किसानों के लिए कहीं से भी हितकर नही हैं। केंद्र पर हमलावर होते हुए उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को शक्तिहीन कर है। खेती को कारपोरेट के हवाले करने के साथ जमाखोरी, मुनाफाखोरी, कालाबाजारी, वादा कारोबार एवं एग्रो बिजनेस के बड़े खिलाडि़यों को बढ़ावा देने का भी काम कर रही है। कहा कि अखिल भारतीय किसान सभा 10 जून को केंद्र की संबंधित नीतियों के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन करेगी। संबंधित अध्यादेश संशोधन को वापस कराने को किसी भी स्तर तक जाएगी। यह भी कहा कि नये अध्यादेश संशोधन से स्वामीनाथन कृषि आयोग की सिफारिशें अर्थहीन हो जाएंगी। खेती को कारपारेट्स के हवाले करने और ठेका खेती का रास्ता पूरी तरह खुल जाएगा।
मुकुट सिंह ने यह बताया कि खेती- किसानी के उद्धार और आत्मनिर्भरता के लिए नव उदारवादी नीतियों का रास्ता छोड़ना होगा। फसलों में लागत का डेढ़ गुना दाम, खरीद की गारंटी, ल किसानों-गरीबों-बटाईदारों की कर्जा मुक्ति, लॉकडाउन मुआवजा के रूप में 10 हजार रुपये 6 माह तक, सभी किसानों को मदद, पीएम किसान योजना को बढ़ाकर 18 हजार रुपये करने व सहकारी खेती जैसे कदम जरूरी हैं।